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एक क्लिक से शुरू होती है स्पैम की खुराफात

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- दीप्ति गुप्ता

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मेल खोलते वक्त आपको भी स्पैम मेल की घुसपैठ से दो-चार होना पड़ता होगा। वक्त-बेवक्त आने वाले इन अनचाहे स्पैम मेल्स से सावधान रहने की भी जरूरत है।

इंटरनेट उपभोक्ताओं को आए दिन अपने मेल पर होने वाली अनेक खुराफातों का शिकार होना पड़ता है। इसी कड़ी में स्पैम मेल नामक एक खुराफात लोगों के मेल में बड़ी संख्या में घुसपैठ कर रही हैं। हालाँकि कई बार मेल खोलते समय आपकी निगाह स्पैम पर जरूर गई होगी और आपने इसे देखना भी चाहा होगा पर इस पर एक बार क्लिक करने का मतलब है मुसीबत गले लगाना।

यूँ तो बिन मौसम बरसात सरीखे इन स्पैम मेल्स का ढेर कभी खत्म नहीं होता। वक्त-बेवक्त आपके मेल बॉक्स में ऐसे ई-मेल का अंबार लग जाता है जो न तो आपके किसी काम के होते हैं और जिनसे आपका कोई लेना-देना नहीं भी नहीं होता।

इन दिनों ई-कार्ड, ब्लॉग, सोशल नेटवर्किंग साइट्स को स्पैम मेल्स का निशाना बनाया जा रहा है। बस आपने एक क्लिक किया नहीं कि ये अपनी खुराफात शुरू कर देते हैं। ताजा शोध से यह सामने आया है कि सन्‌ 2008 की तुलना में इस वर्ष स्पैम मेल्स की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है।

आजकल इन्हें ई ग्रीटिंग के रूप में भी भेजा जा रहा है। इसके जरिए उन्हें ऐसी साइट की ओर आकर्षित किया जा रहा है जिस पर ट्रायन है। यह एक ग्रीक शब्द है। इसका अर्थ है कि ऐसा वायरस जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के भीतर छिपा है। एक बार यदि इस पर क्लिक कर दिया तो यह कंप्यूटर की सभी फाइलें भ्रष्ट कर देता है। इस हमले में आमतौर पर आपको क्रिसमस की तस्वीर भेजकर लुभाया जाता है, जिस पर बर्फ गिर रही है।

इनमें से अधिकांश आपको त्योहारों पर आकर्षक छूट या लॉटरी के विजेता के रूप में बधाई संदेश देते हैं और इसी का फायदा उठाकर स्पैम मेल लोगों को ई-मेल भेजकर बोगस साइट पर आने का निमंत्रण देते हैं। इस पर शॉपिंग के लिए लोगों से उनके क्रेडिट कार्ड की जानकारी भी माँगी जाती है।

त्योहारी मौसम में धड़ल्ले से आने वाली स्पैम का सिलसिला काफी पहले शुरू हो चुका है। तो हम आपको बता दें कि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह माना गया है कि अनेक स्पैम द्वारा भेजे जाने वाले मेल में एक-तिहाई हिस्सा स्वास्थ्य और इनके उत्पादों से संबंधित होता है जो 73 प्रतिशत अमेरिका, 16 प्रतिशत चीन और 5 प्रतिशत डेमाक्रेटिक रिपब्लिक से भेजे जाते हैं।

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