बाल कविता: नन्ही जल की बूदें
, गुरुवार, 7 जून 2012 (15:29 IST)
प्यारी-प्यारी जल की बूंदें बरसातों में खेलें-कूदें। ऊपर से गिरकर मिट जाए, सभी बच्चों का दिल बहलाए। सारे मिल बूंदें बन जाएं, तब मानव की प्यास बुझाएं। पानी को हम चलो बचाएं,बिना वजह इसे न बहाएं।