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छा रहा है हैरी का जादू

बाइस्कोप वाला आया

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स्वाति शैवाल

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नीली आँखों वाला जादूगर हैरी पॉटर फिर हमसे मिलने आया है नई फिल्म के जरिये। तो चलो कुछ बातें करते हैं। लेकिन हैरी की जादुई दुनिया में केवल मौजमस्ती और हैरतअंगेज कारनामें ही नहीं हैं बल्कि जिंदगी के कठिन सबक भी हैं। तो हैरी को कागज पर उतारने वाली जेके रोलिंग ने जितनी कल्पनाशीलता और रचनात्मकता दिखाई है, उतनी ही इसे फिल्म के रूप में ढालने वालों ने भी दिखाई है।

इन दिनों छठी पुस्तक की चर्चा है। और अब इंतज़ार है सातवीं पुस्तक पर आधारित फिल्म का जो दो भागों में आएगी। तो आओ, क्यों न इस बहाने हैरी की छठी फिल्म 'हैरी पॉटर एंड द हॉफ ब्लड प्रिंस' पर एक नजर डाल ली जाए? हैरी पॉटर सीरिज की किताबों पर बनी सभी फिल्में किताब के पन्नों को आँखों के सामने ला खड़ा कर देती हैं। इसमें हैरी बने हैं 'डेनियल रेडक्लिफ।'

पाँचवीं किस्त तक हैरी अपने जादुई स्कूल 'हॉगवर्ट्‍स' के पाँच साल जी चुका है और भयानक खतरों का सामना भी कर चुका है। इन पाँच सालों में उसने कुछ सच्चे दोस्त पाए जिनमें से दो 'रोनाल्ड वीजली' यानी रॉन और 'हरमॉयनी ग्रिंजर' जो हर मुसीबत में उसका साथ देते हैं।

इस बीच वह अपने पिता के खास दोस्त 'सीरियस ब्लैक' जोकि उसके संरक्षक भी हैं, को खो चुका है। सबसे खास बात उसके माता-पिता की जान लेने वाला और उसका कट्‍टर दुश्मन 'लॉर्ड वॉल्डेमार्ट' अब अपने पूरे रूप में सामने आ चुका है। हैरी के प्रिंसिपल यानी प्रोफेसर डम्बलडोर इस बात पर भरोसा करते हैं ‍कि हर लड़ाई में सच की ही जीत होती है तथा सच्चा साहस हमेशा बुराइयों पर भारी पड़ता है।

पाँचवें हिस्से तक हमने देखा कि, हैरी और उसके सच पर विश्वास करने वाले तथा ईमानदारी से बुराई के खिलाफ लड़ने वाले कई लोग एकजुट होकर अपनी एक सेना बना चुके हैं जो लॉर्ड वॉल्डेमार्ट के विरुद्ध मोर्चा संभालती है। लेकिन दुनिया में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो हैरी की बातों को झूठ मानते हैं और इनमें सबसे आगे हैं लॉर्ड वॉल्डेमार्ट के समर्थक। अब भई...हमारी-तुम्हारी दुनिया में भी तो अच्छे बुरे दोनों तरह के लोग होते हैं ना... सो यहाँ भी हैं। लेकिन अच्छे लोगों के साथ मित्रता, प्रेम, आपसी विश्वास और ईमानदारी जैसी चीजें जुड़ी हैं जो उनकी जीत को पक्का बनाती हैं।

यही बात हैरी पॉटर की कहानी हमको बताती है। पाँचवीं फिल्म तक के सफर में हैरी पॉटर और उसकी सेना के हाथ से एक बार फिर लॉर्ड वाल्डेमार्ट निकल चुका है। अब छठी फिल्म में हैरी की ये सेना एक बार फिर मोर्चा संभालने को तैयार है। डम्बलडोर इस बार खुद हैरी को अपने साथ ले जाने आते हैं। उनका साथ जाना भी एक खास मकसद से जुड़ा है। इस बार फिल्म में रॉन, हैरी और हर्मायनी भी कुछ अलग अंदाज में नजर आए। जाहिर है कि उनकी लंबाई तो पिछली दो फिल्मों से ही बढ़ चुकी है।

'हॉफ ब्लड प्रिंस' से हुई हैरी की मुलाकात भी बहुत रोचक है जिसने पहले तो उसकी मदद की फिर बाद में हॉफ ब्लड प्रिंस का सामने आना हैरी के लिए मुसीबत बन गया। इस फिल्म में हैरी के प्रति डम्बलडोर के विश्वास की नई कहानी सामने आई है और यहाँ से साबित हो जाता है कि आखिर वॉल्डेमार्ट का सामना करने के लिए उसे ही क्यों चुना गया है। प्राणभक्षी (लॉर्ड वॉल्डेमार्ट के समर्थक) तथा दमपिशाच (जादुई दुनिया की जेल के अजीब से पहरेदार) इस बार खुलकर तांडव मचा रहे हैं, हॉगवर्ट्‍स के अंदर भी और जादुई दुनिया के बाहर भी, लंदन में! वह क्या चीज है जो लॉर्ड वाल्डेमार्ट की जिंदगी है और क्यों डम्बलडोर हैरी को एक गुप्त अभियान पर ले जा रहे हैं? कौन है हॉफ ब्लड प्रिंस?

हैरी इस बार किस अपने को खो देगा? ये सब जानने के लिए आपको सिनेमाघर तो जाना ही पड़ेगा। भई असली मजा तो वहीं आएगा ना! इस फिल्म की खासियत है इसके स्पेशल इफेक्ट, जो पिछली फिल्मों से अलग है। डायरेक्टर डेविड येट्‍स एवं उनके सिनेमेटोग्राफर ब्रूनो डेल्बोनेल ने फिल्म को पिछली फिल्मों के मुकाबले कुछ अलग रंग देने की भी कोशिश की है। खैर... तमाम बातों से अलग, हैरी की इस जादुई दुनिया से साक्षात्कार करना रोमांचक है।

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