Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सबसे अच्‍छा कौन?

हमें फॉलो करें सबसे अच्‍छा कौन?
प्रभाकिरण जैन

ND
ND
एक बार वीर वन में बंदरों ने सभी पशु-पक्षियों की एक विशाल सभा बुलाई जिसमें इस विषय पर चर्चा रखी गई कि दुनिया भर में सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ प्राणी कौन सा है? दूर-दूर से पशु-पक्षी सभा में आए। काफी देर तक बहुत से वक्ताओं ने अपनी-अपनी राय जाहिर की।

गधा बोला - मेरे विचार से शेर सबसे सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि वह बहुत शक्तिशाली है। मेंढक बोला - व्हेल मछली सर्वश्रेष्ठ प्राणी है वह पानी के हर प्राणी से ताकतवर और विशालकाय है।

तोते ने अपनी राय दी कि खरगोश हम सबमें बुद्धिमान है उसने तो शेर तक को हरा रखा है इसलिए वह सर्वश्रेष्ठ है।

इस तरह लंबी चर्चा चली तब बंदर ने कहा - मेरे विचार में तो मनुष्य धरती का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है और मैं इस बात को सिद्ध कर सकता हूँ। सभी जानवर बोले - वो कैसे?
बंदर बोला - मनुष्य के पास विवेक है, भाषा ज्ञान है, ताकत है, बुद्धि है इसलिए उसी को सर्वश्रेष्ठ मानना उचित है।

सभी पशु-पक्षी इस बात पर सहमत हो गए किंतु कौओं का दल चुप था। बंदर ने कौओं के सरदार से कहा कि अगर वह इस निर्णय से सहमत नहीं हैं तो अपने विचार जरूर रखें क्योंकि यह खुला मंच है सबको बोलने की आजादी है। कौआ बोला - आप मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ बता रहे हैं परंतु हमारी राय में वह दुनिया का सबसे खराब और अधम प्राणी है। कौए के इतना कहते ही सारी सभा में खुसर-फुसर होने लगी। बंदर बोला - तुम स्वयं अधम हो इसलिए तुम्हें मनुष्य भी अधम लग रहा है किंतु सच यही है कि सर्वश्रेष्ठ तो मनुष्य ही है।

आखिर लंबे विवाद के बाद सभा खत्म हो गई और कौए के मत का सबने विरोध किया। कुछ दिनों पश्चात बंदर पेड़ पर आराम कर रहा था अचानक उसने देखा सामने से एक मनुष्य दौड़ता हुआ आ रहा है उसके पीछे शेर लगा है। आदमी ने पेड़ के नीचे आकर बंदर से कहा ‍िक शेर उसकी जान ले लेगा। बंदर बोला - 'भाई! घबराओ मत! तुम मेरा हाथ पकड़कर मेरे पास आ जाओ।'

मनुष्य पेड़ पर चढ़ गया और बंदर के पास जाकर थर-थर काँपने लगा। बंदर ने उसे सांत्वना दी और शेर से कहा वह अब उसकी शरण में है शेर का भला इसी में है कि वह वापस चला जाए। शेर बोला 'बंदर! क्यूँ अपनी मुसीबत मोल ले रहे हो? इस आदमी को नीचे धक्का दे दे यह मेरा शिकार है।'

बंदर बोला - 'शेर! मैं शरण में आए की जान खतरे में नहीं डाल सकता।' शेर बोला - अरे मूर्ख बंदर! यह मनुष्य की जाति है और मनुष्य स्वार्थी होता है अब तू अपनी खैर मना।'

शेर पेड़ के नीचे ही बैठा रहा रात होने लगी बंदर को नींद लग गई तभी शेर बोला - 'ओ मनुष्य! तू क्या सोच रहा है? तुम दोनों में से एक को तो मुझे खाना ही है। तू बंदर को नीचे धक्का दे दे।

मनुष्य बोला - नहीं, नहीं इसने मुझे बचाया है। मैं इसे कैसे धक्का दे सकता हूँ?
शेर बोला - 'देख मानव! बंदर का तो आगे-पीछे कोई नहीं, अगर तू नहीं रहा तो मेरे घर वालों का क्या होगा? तेरा मकान, दुकान सब खत्म हो जाएगा। तू अपने बारे में सोच।' इतना कहते ही मनुष्य का स्वार्थ जाग उठा उसने तुरंत बंदर को पेड़ से धक्का दे दिया। गिरते हुए बंदर की नींद खुली और उसने पेड़ की डाल पकड़ ली।

लटके हुए बंदर को देख शेर ने उससे कहा - बंदर! देखी मानव की जात? मैंने पहले ही कहा था कि यह तुझे धोखा देगा। अभी भी वक्त है तू इस आदमी को नीचे धक्का दे दे?' परंतु बंदर अपनी बात पर अटल रहा बोला - मैं इसे नीचे धक्का नहीं दूँगा किंतु शेर मेरे भाई मैं अब पशु-पक्षियों की सभा दोबारा बुलाऊँगा और उसमें कौए की बात पर विचार गोष्ठी रखूँगा। सचमुच स्वार्थी मनुष्य दुनिया का सबसे खराब और अधम प्राणहै।'

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi