Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ेगा

हमें फॉलो करें चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ेगा
बीजिंग , मंगलवार, 21 मई 2013 (16:12 IST)
FILE
बीजिंग। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग की भारत यात्रा में आपसी व्यापार असंतुलन दूर करने की पहल की घोषणा के बावजूद चीनी विश्लेषकों का मानना है कि कुछ बुनियादी कारणों से अभी कुछ समय तक यह असंतुलन और बढ़ेगा।

चीन की सामाजिक विज्ञान अनुसंधान अकादमी के अनुसंधानकर्ता लियु शियाओशुई ने कहा कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है। जल्दी इसका समाधान मुश्किल है। यह असंतुलन मुख्य तौर पर इसलिए है कि भारत चीन को सीमित मात्रा में निर्यात करता है जबकि चीन में विनिर्मित वस्तुएं भारतीय बाजार की प्रतिस्पर्धा में लाभ में हैं।

चीन में वृद्धि दर में नरमी, लौह एवं इस्पात क्षेत्र में जरूरत से ज्यादा उत्पादन क्षमता और सरकार द्वारा रीयल एस्टेट क्षेत्र पर सख्ती करने से भारतीय कच्चे माल की यहां मांग कम हुई है। मुख्य तौर पर लौह अयस्क और लोहे के चूरे। भारत से चीन को होने वाले निर्यात में इन्हीं चीजों का स्थान महत्वपूर्ण है।

लियू ने चायना डेली से कहा कि चीन के साथ भारत के बढ़ते घाटे की प्रमुख वजह यही है।

चीन के समकालीन अंतरास्ट्रीय संबंध संस्थान के दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया एवं ओसनिया अध्ययन संस्थान के निदेशक हू शिशेंग ने कहा कि यह व्यापार संतुल भारत के व्यापार ढांचे के कारण है। फिलहाल आने वाले समय में इस स्थिति में बदलाव की संभावना नजर नहीं आ रही है। बदलाव तभी आएगा जबकि भारत ऐसा माल प्रस्तुत कर सके जिसकी चीन में मांग है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi