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बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स खत्म होगा

कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स बना रहेगा

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नई दिल्ली (एजेंसियाँ) , गुरुवार, 1 मई 2008 (15:41 IST)
वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स इस साल के अंत तक हटा लिया जाएगा और सरकार काले धन को पकड़ने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। लेकिन उन्होंने कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स वापस लेने से साफ इंकार कर दिया। राज्यसभा में वित्त विधेयक पर हो रही चर्चा के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि देश के आयकर कानून में कई खामियाँ हैं, लेकिन वह अन्य देशों की तुलना में छोटा है।

चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए चिदंबरम ने कहा कि बेहिसाब धन का पता लगाने का अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स लगाया गया था। काले धन का पता लगाने के लिए जल्द ही संसद में एक विधेयक पेश किया जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि वायदा बाजार पर लागू कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स वापस नहीं होगा।

बजट के बाद से ही इस टैक्स को वापस लेने के लिए सरकार पर बाहर और भीतर से दबाव बनाया जा रहा था। बजट में वायदा बाजार में ट्रांजेक्शन पर 0.017 प्रश टैक्स का प्रावधान किया गया है। चिदंबरम ने कहा कि वे इस खेल में पुराने खिलाड़ी हैं और आलोचना के साथ जीने के आदी हैं। जब शेयर दलालों ने सिक्युरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स को स्वीकार कर लिया तो वस्तु वायदा बाजार भी इसे मंजूर कर लेगा।

आयकर कानून लंबा नहीं : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राज्यसभा में स्वीकार किया कि देश के आयकर कानून में काफी खामियाँ हैं, पर अन्य देशों की तरह यह लंबा नहीं है। चिदंबरम ने बुधवार को वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान अपनी ही पार्टी के प्रवीण राष्ट्रपाल को बीच में टोकते हुए यह टिप्पणी की। जब राष्ट्रपाल ने चर्चा में भाग लेते हुए यह कहा कि हमारा आयकर कानून काफी लंबा है, तो वित्त मंत्री ने कहा- यह भ्रम है कि हमारा आयकर कानून काफी लंबा है। अमेरिका के आयकर कानून की किताब में 9553 पन्ने हैं, कनाडा में भी नौ हजार से अधिक पन्ने हैं, ऑस्ट्रेलिया में एक हजार 800 से अधिक पन्ने हैं, लेकिन हमारे आयकर कानून में 298 सेक्शन और केवल 938 पन्ने हैं।

बजट को मंजूरी : राज्यसभा द्वारा बुधवार को विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक लोकसभा को लौटा दिया गया। इसके साथ ही वर्ष 2008-09 के आम बजट को संसद से पारित कराने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

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