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बढ़ोतरी से होम लोन रहेगा बेअसर-चिदंबरम

हमें फॉलो करें बढ़ोतरी से होम लोन रहेगा बेअसर-चिदंबरम
नई दिल्ली (भाषा) , बुधवार, 13 अगस्त 2008 (22:44 IST)
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से 30 लाख रुपए तक के मौजूदा और नए होम लोन पर कोई असर नहीं होगा। यह ऐलान वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने आज किया। उन्होंने कहा कि शैक्षिक ऋण और ऑटो लोन पर भी कोई असर नहीं होगा।

चिदंबरम ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद बताया कि बैंकों ने आम राय से कहा है कि बीपीएलआर दर में बढ़ोतरी से मौजूदा होम लोन और आरबीआई की घोषणा से पहले दिए गए होम लोन जो 30 लाख रुपए तक के हैं साथ ही सभी मौजूदा ऑटो लोन और शैक्षिक लोन पर कोई असर नहीं होगा।

चिदंबरम ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 29 जुलाई को मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपनी बेंचमार्क प्राथमिक ऋण दर (बीपीएलआर) में 75 से 100 आधार अंक की बढ़ोतरी कर दी लेकिन बैंकों ने मौजूदा होम लोन पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाने पर सहमति जताई है।

बाद में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ओपी भट्ट ने बताया कि पीएलआर बढ़ाते समय बैंकों ने स्पष्ट कर दिया था कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का मौजूदा होम लोन पर असर नहीं होगा। 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर फ्लोटिंग दर के तहत ऋण लेने वालों को भी अधिक ब्याज नहीं देना होगा। साथ ही 30 लाख रुपए तक के नए होम लोन पर भी ब्याज बढ़ोतरी का असर नहीं होगा। इसके अलावा शैक्षिक ऋण और आटो लोन भी ब्याज बढ़ोतरी के दायरे से बाहर होंगे।

पंजाब नेशनल बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक केसी चक्रवर्ती ने हालाँकि कहा कि बैंक ने मौजूदा होम लोन एवं अन्य ऋणों पर ब्याज दरें पहले ही बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड हालाँकि मौजूदा होम लोन पर रियायत देने की पेशकश पर विचार कर सकता है।

सोमवार को एसबीआई ने बीपीएलआर में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी कर इसे 14 प्रतिशत कर दिया था। इस प्रकार वाहन पर दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज दर बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई जो पहले 10.5 प्रतिशत थी।

एसबीआई ने पाँच से दस साल की अवधि के फ्लोटिंग ऋण पर 20 लाख रुपए से अधिक रकम के मामले में ब्याज दर बढ़ाकर 11.25 प्रतिशत कर दी जो पहले 10.25 प्रतिशत थी। चिदंबरम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन आम तौर पर अपेक्षित स्तर का है।

चिदंबरम ने कहा कि जमा राशि संतोषजनक दर से बढ़ रही है। इसी तरह पहली तिमाही में एडवांटेज भी अधिक है। मैंने बैंक प्रमुखों से पूछा कि क्या मंदी के कोई संकेत हैं। ऋण वृद्धि का जिक्र करते हुए बैंकों ने सूचित किया कि मंजूर किए गए ऋणों और ऋणों के नए आवेदनों के मामले में संतोषजनक बात यह भी है कि माँग में कमी नहीं आई है।

चिदंबरम ने कहा कि जहाँ तक बुनियादी ढाँचा परियोजना विस्तार नई परियोजनाओं का सवाल है मंदी का कोई सबूत नहीं है। इससे मुझे विश्वास होता है कि अभी भी ऋण प्रवाह तेज है और उत्पादक क्षेत्र ऋण से वंचित नहीं रहेगा।

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