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भारत में सूचीबद्ध होगी स्टैंडर्ड चार्टर्ड

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नई दिल्ली , मंगलवार, 30 मार्च 2010 (16:37 IST)
भारतीय शेयर बाजारों में पहली बार एक वैश्विक कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड सूचीबद्ध होने की तैयारी में है। ब्रिटेन की बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट (आईडीआर) के जरिए 50 करोड़ डॉलर से अधिक धन जुटाने की नियामक से मंजूरी माँगी है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 22 करोड़ आईडीआर (डिपॉजिटरी शेयर) जारी करने के लिए मंजूरी के लिए शेयर बाजार नियामक सेबी से संपर्क किया है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड के सीईओ (भारत एवं दक्षिण एशिया) नीरज स्वरूप ने बताया भारत में हमारी मजबूत उपस्थिति है। हमारा बैंक देश में सबसे पुराना विदेशी बैंक है। यहाँ हमारा कारोबार अच्छा है और आईडीआर भारतीय निवेशकों को वैश्विक कंपनी में निवेश का एक बेहतर मौका उपलब्ध कराएगा।

बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा हमने 55 करोड़ डॉलर (2,250 करोड़ रुपए) की पूँजी जुटाने की एक न्यूनतम सीमा तय की है, लेकिन हमने इससे ऊपर भी जाने का विकल्प खुला रखा है।

बैंक ने इससे पहले कहा था कि इश्यू का आकार 50 करोड़ डॉलर और 75 करोड़ डॉलर के बीच हो सकता है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने जून में घरेलू शेयर बाजार में आईडीआर सूचीबद्ध कराने की योजना बनाई है। उल्लेखनीय है कि स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कोलकाता में अप्रैल, 1858 में अपने भारतीय परिचालन की शुरुआत की थी।

यह पूछे जाने पर कि आईडीआर किस मूल्य पर जारी किया जाएगा, स्वरूप ने कहा कि वर्तमान में स्टैनचार्ट 17 पौंड प्रति शेयर के भाव पर कारोबार कर रहा है, लेकिन हमने आईडीआर का मूल्य अभी तय नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि यद्यपि बैंक कम से कम 50 करोड़ डॉलर जुटाने की संभावना तलाश रहा है, हमने कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की। बैंक चाहता है कि उसके कर्मचारी भी इसमें निवेश करें।

स्वरूप ने कहा कि स्टैनचार्ट के वैश्विक लाभ में भारत का योगदान 20 प्रतिशत है। इस साल बैंक कई विशेष निगमित इक्विटी सेवाओं के क्षेत्र में प्रवेश करेगा। स्टैनचार्ट ने 2009 में एक अरब डॉलर का मुनाफा कमाया था। देश के 37 शहरों में स्टैंडर्ड चार्टर्ड की 94 से अधिक शाखाएँ हैं और उसके खुदरा ग्राहकों की संख्या करीब 20 लाख है।

आईडीआर का कारोबार बिल्कुल उसी तरह होगा, जिस तरह से भारतीय कंपनियाँ विदेशों से धन जुटाने के लिए निश्चित संख्या में अपने शेयरों के बदले ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) या अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट (एडीआर) जारी करती हैं। इन डिपाजिटरी रसीदों को सम्बद्ध शेयर बाजारों में शेयरों की ही तरह खरीदा बेचा जाता है। (भाषा)

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