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मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़

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नई दिल्ली (भाषा) , सोमवार, 6 जुलाई 2009 (14:15 IST)
सरकार ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखने का वायदा करते हुए कहा कि उसने वित्त वर्ष 2009-10 में वैश्विक मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़ रुपए दिए।

वित्तमंत्री लोकसभा में कहा कि वित्त वर्ष 2008-09 के लिए दिए गए राजकोषीय प्रोत्साहनों की राशि मौजूदा बाजार मूल्यों के आधार पर 186000 करोड़ रुपए होती है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसद है। सरकार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखेगी।

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी के नकारात्मक असर से निपटने के लिए सरकार ने माँग बढ़ाने, रोजगार एवं जन परिसंपत्तियाँ पैदा करने के लिए सरकारी परियोजनाओं पर बढ़े हुए व्यय के लिए कर राहत के तौर पर तीन केंद्रीकृत राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज प्रदान किया।

मुखर्जी ने लोकसभा को बताया कि राजकोषीय समायोजन से राजकोषीय घाटा 2007-08 में सकल घरेलू उत्पाद के 2.7 फीसद से बढ़कर 2008-09 के दौरान 6.2 फीसद हो गया।

वित्तमंत्री ने इस बात पर खुशी प्रकट की कि ये उपाय 2008-09 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में गिरावट रोकने में प्रभावी रहे और देश ने 6.7 फीसद की वृद्धि दर हासिल की।

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