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मौद्रिक नीति के मामले में नई सोच की जरूरत- पीएम

हमें फॉलो करें मौद्रिक नीति के मामले में नई सोच की जरूरत- पीएम
नई दिल्ली , शनिवार, 17 अगस्त 2013 (16:26 IST)
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के इस दौर में वृहत आर्थिक नीतियों के अवरोधों से पार पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के मामले में नई सोच अपनाए जाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मौजूदा परिवेश में वृहत आर्थिक समस्याओं से पैदा होने वाले अवरोधों से निपटने के लिए अब समय आ गया है कि हम मौद्रिक नीतियों की सीमाओं और संभावनाओं पर गौर करें।

सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि रघुराम राजन (गवर्नर नामित) विशेषज्ञों एवं राष्ट्रीय सहमति से ऐसी नीति विकसित करेंगे जिससे कि इस जटिल अर्थव्यवस्था में सामाजिक और आर्थिक बदलाव के साथ आगे बढ़ा जा सके।

प्रधानमंत्री का यह बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जब मुद्रास्फीति पर अंकुश रखने के लिए रिजर्व बैंक की सख्त मौद्रिक नीति और दूसरी तरफ सरकार की आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता दिए जाने को लेकर बहस छिड़ी है।

प्रधानमंत्री यहां अपने रेसकोर्स स्थित आवास पर 78 साल पुराने केन्द्रीय बैंक के 'रिजर्व बैंक का इतिहास- मुड़कर देखने और आगे देखने’ का चौथा खंड जारी करने के अवसर पर बोल रहे थे।

रिजर्व बैंक के सेवानिवृत्त हो रहे गवर्नर डी. सुब्बाराव के संबोधन में भी मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि का जिक्र आया। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन पर अत्यधिक सरलीकरण की धुंध छा गई।

समारोह में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन, बिमल जालान, वाईवी रेड्डी, अमिताभ घोष उपस्थित थे। बैंक के वर्तमान एवं पूर्व डिप्टी गवर्नर और वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा और जेडी सीलम भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री स्वयं 1982 से 1985 के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उन्हें केन्द्रीय बैंक के प्रमुख के पद के लिए चुना गया था, तब उन्हें मौद्रिक नीति के बारे में कुछ पता नहीं था।

उन्होंने कहा कि तब उन्होंने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. सुखमय चक्रवर्ती की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति पर एक समिति गठित की जिसे यह काम दिया गया कि मौद्रिक नीति का काम क्या होना चाहिए और इस समिति की रिपोर्ट से उन्हें काफी मदद मिली।

सिंह ने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक गवर्नर पद के लिए नामित रघुराम राजन अपने पूर्ववर्ती गवर्नर के काम को आगे बढ़ाएंगे और अर्थव्यवस्था के मौजूदा मुश्किल दौर में आगे नए कदम उठाएंगे।

उन्होंने कहा कि राजन विश्वस्तर के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और मुझे उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में रिजर्व बैंक बेहतर काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मौद्रिक एवं ऋण नीतियां तैयार करने और ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण सुविधा बढ़ाने के मामले रिजर्व बैंक ने देश को गौरवान्वित करने का काम किया है।

रिजर्व बैंक ने पूरी निपुणता के साथ देश की सेवा की है, लेकिन मैं कहूंगा कि इस मामले में अभी सबसे बेहतर किया जाना बाकी है। सिंह ने वर्तमान गवर्नर सुब्बाराव की प्रशंसा करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक प्रमुख के रूप में उन्होंने रिजर्व बैंक और देश की बेहतर सेवा की है। (भाषा)

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