देश में यूरिया उत्पादन की कमी को देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र के लिए नई कीमत निर्धारण नीति की घोषणा की है। नई नीति से इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
नई यूरिया निवेश नीति को प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने अपनी मंजूरी दे दी।
इसके तहत सब्सिडी एवं लागत उत्पादन की गणना के लिए अंतरराष्ट्रीय कीमत समानता का फार्मूला अपनाया जाएगा, ताकि यूरिया विनिर्माता उक्त गणना की प्रणाली अपना सकें।
मौजूदा यूरिया उत्पादन इकाइयों के पुनरुत्थान के लिए आयात कीमत समानता (आईपीपी) की पहचान 250-425 डॉलर प्रति टन के प्राइस बैंड में आईआईपी के 85 फीसदी पर की जाएगी, जबकि क्षमता विस्तार के लिए यह 90 फीसदी होगी।
सीसीईए की बैठक के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया कि एचएफसीएल और एफसीआईएल की बहाल इकाइयों से यूरिया की पहचान समान प्राइस बैंड में आईपीपी के 95 फीसदी पर की जाएगी। नई नीति अभिजीत सेन कमेटी की सिफारिशों पर आधारित है।