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शहर-गाँव का फासला मिटाएगी रिलायंस

2040 तक मिट जाएगी गरीबी: नीता अंबानी

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लंदन। , शनिवार, 16 अक्टूबर 2010 (18:37 IST)
रिलायंस इंडस्ट्रीज शहरी और ग्रामीण भारत के बीच के अंतर को मिटाने के लिए एक विदेशी भागीदार के साथ मिलकर एक नया उद्यम लगाना चाहती है।

मुकेश अंबानी की पत्नी एवं रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक नीता अंबानी ने कहा कि भारत 2040 तक 30000-40000 अरब की अर्थव्यवस्था बनने में सक्षम है। इसके बाद देश से गरीबी समाप्त हो जाएगी।

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में कल रात चंपाबेन एंड जमनादास मोदी, आरके नारायण पीएचडी फेलोशिप के व्याख्यान में उन्होंने रिलायंस समूह की शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की दूरी कम करने की योजना के बारे में विस्तार से बताया।

अंबानी ने कहा कि भारत के लिए हम सभी के बड़े-बड़े सपने हैं, इसमें 2040 तक 30000- 40000 अरब डॉलर की अर्थव्यव्स्था बनने की क्षमता है। इस सपने के पूरा होने के बाद देश से गरीबी का नामोनिशान खत्म हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह देश की तीसरी और वास्तविक आजादी होगी। देश को यदि पहली आजादी 1947 में मिली थी तो मेरे हिसाब से 1991 में दूसरी आजादी मिली। यह आर्थिक आजादी थी, ऐसी आजादी जिसने हमारी उद्यमशीलता को दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा में उतारा।

उन्होंने कहा कि गरीबी से आजादी संभव है, यदि हम इसके लिए युवाओं को तैयार करके स्वयं की आर्थिक प्रणाली विकसित कर सकें।

मुकेश अंबानी के साथ अपनी मुलाकात को याद करके उन्होंने कहा कि 1970 के अंत एवं 80 के शुरुआती दशक में जब मेरी और मुकेश की मुलाकात हुई थी, भारत तीसरा दुनिया का देश कहलाता था और मेरे लिए भारत को तीसरी दुनिया के देश से दुनिया का तीसरा ताकतवर देश बनते हुए देखने की यात्रा काफी दिलचस्प रही। (भाषा)

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