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रैगिंग पर राष्ट्रपति भी चिंतित

गवर्नरों को लिखेंगी चिट्ठी

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सभी राज्यों के राज्यपालों को पत्र लिखकर उन्हें रैगिंग के संबंध में छात्रों को जागरूक बनाने के लिए कार्यकर्ताओं के एक समूह को अनुमति देने को कहेंगी। राज्यपाल अपने राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। उधर केंद्र की योजना इस समस्या के मद्देनजर एक कानून बनाने की है।

दो महीने पहले रैगिंग को लेकर जान गँवाने वाले एमबीबीएस के छात्र अमन काचरू के पिता राजेंद्र काचरू की अगुवाई में "अमन मूवमेंट" के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से भेंट की और उनसे अनुरोध किया कि वे कुलाधिपति को परिसरों में छात्रों को रैगिंग के खिलाफ जागरूक करने का अभियान चलाने की अनुमति देने के लिए कहें। राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ने यह प्रस्ताव तत्काल स्वीकार कर लिया और वे अब अनुमति देने के लिए राज्यपालों को पत्र लिखेंगी। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने हाल ही में उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि समस्या से निबटने के लिए उचित कानून बनाए जा सकते हैं।

इस बीच, विवि अनुदान आयोग ने नियमावली तैयार की है जिसे 17 अन्य परिषदों ने स्वीकार किया है। इसमें अपराध का दोषी ठहराए जाने पर छात्र को संस्थान से निष्कासित करने या उसके अन्य संस्थानों में दाखिला लेने पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है।

आरोपी छात्रों को घर भेजा

हिमाचल सरकार ने रविवार को सोलन के लारेंस स्कूल में रैगिंग की घटना के मजिस्ट्रेटी जाँच के आदेश दिए हैं। इस घटना के आरोपी सात छात्रों को वापस घर भेज दिया है। गत सोमवार को 12वीं कक्षा के छात्रों ने 11वीं कक्षा के दस से पंद्रह छात्रों के साथ महज इसलिए मारपीट की क्योंकि उन्होंने सीनियरों लिए तालियाँ नहीं बजाईं। प्रधानाचार्य प्रवीण वशिष्ठ ने कहा कि वे दोषी सात छात्रों को स्कूल में वापस लेने के हक में नहीं हैं।

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