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क्रिकेटरों ने केविन पीटरसन को कोसा

हमें फॉलो करें क्रिकेटरों ने केविन पीटरसन को कोसा
लंदन (भाषा) , शुक्रवार, 9 जनवरी 2009 (00:35 IST)
इंग्लैंड क्रिकेट जगत ने देश के क्रिकेट को अजीबोगरीब स्थिति में पहुँचाने के लिए एकजुट होकर केविन पीटरसन को कोसते हुए कहा कि टीम प्रबंधन कप्तान और कोच पीटर मूर्स के बीच मतभेदों को समाप्त करने में असफल रहा, जिससे दोनों को टीम में अपना स्थान गँवाना पड़ा।

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पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प का मानना है कि कोच पीटर मूर्स के साथ सार्वजनिक रूप से विवाद से पीटरसन को कप्तानी से हाथ धोना पड़ा, जिससे उनके टीम में स्थान पर भी संशय बना हुआ है।

थोर्प ने कहा कि इंग्लैंड प्रबंधन जानता था कि वह पीटरसन को कप्तान बनाकर क्या कर रहा है। वे दमदार व्यक्तित्व के मालिक हैं जिनके विचार काफी मजबूत होते हैं और जिसमें समझौते की गुंजाइश नहीं होती।

'द सन' ने थोर्प के हवाले से कहा कि लेकिन उसने इस मामले में जिस तरह का रुख अपनाया है वह नुकसानदायी रहा और उसने इंग्लैंड को समस्याओं में डाल दिया। पीटरसन का स्थान खतरे में है।

इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पूर्व अध्यक्ष लॉर्ड मैकलारेन ने इसे इंग्लिश क्रिकेट के लिए दु:खद दिन करार किया लेकिन उन्होंने ईसीबी के इस मामले के निपटारे का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि यह दु:खद है कि कप्तान दक्षिण अफ्रीका में हैं, लेकिन मैं समझ सकता हूँ कि अगर वे ईसीबी प्रमुख के सिर पर पिस्टल रखकर कहते समर्थन करो या बर्खास्त करो तो मुझे लगता है कि ईसीबी ने बिलकुल ठीक किया।

पूर्व ऑलराउंडर डोमिनिक कॉर्क कप्तान और कोच के मतभेद को ठीक से नहीं निपटाने से काफी निराश हैं और उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब इंग्लैंड हंसी का पार्त्रं बन गया है। उन्होंने कहा यह महत्वपूर्ण वर्ष है। इसे अंदर ही निपटा लिया जाना चाहिए था। चाहे ईसीबी के अध्यक्ष जाइल्स क्लार्क या प्रबंध निदेश ह्यूज मोरिस इसे निपटाते। एक बार फिर हमने इंग्लैंड क्रिकेट को हँसी का पात्र बना दिया।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलन लैम्ब ने कॉर्क की तरह पीटरसन को इसका दोषी ठहराया, जिन्होंने इंग्लिश क्रिकेट को मुश्किल को फँसा दिया। ऐसा नहीं लगता कि इसे ठीक तरह से निपटाया गया और इसके लिए पीटरसन को ही दोष देना पड़ेगा। इस समय हम हंसी का पात्र बन गए हैं।

लैम्ब ने कहा कि हम पूरी तरह टूट गए हैं क्यों‍कि कप्तान ने इस्तीफा दे दिया और पीटर मूर्स भी चले गए। यह दु:खद स्थिति है और इंग्लैंड क्रिकेट में उथल-पुथल मच गई है।

पूर्व कप्तान ग्राहम गूच ने इस पूरे प्रकरण को इंग्लैंड टीम के लिए दुर्भाग्यपूर्ण करार किया। उन्होंने कहा मुझे सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि ड्रेसिंग रूम में क्या हो रहा है। ड्रेसिंग रूप में निश्चित रूप से कुछ अलगाव होगा क्योंकि कुछ खिलाड़ी पीटरसन के साथ हैं तो कुछ खिलाफ।

पूर्व कप्तान एलेक स्टीवर्ट भी इस बात से सहमत थे कि पीटरसन इस स्थिति को सही से नहीं निपटा सके। उन्होंने कहा कप्तान होना 24 घंटे का काम है। यह सिर्फ मैदान पर फैसले लेना ही नहीं है बल्कि मैदान के बाहर की जिम्मेदारी भी आपको संभालनी होती है। कप्तान की कोच और मैनेजर के साथ बढ़िया साझेदारी होनी चाहिए। मैं समझ सकता हूँ कि पीटरसन अपने तरीके से चीजें करवाना चाहते थे, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि उन्होंने गलती की हो।

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज मार्क बूचर पीटरसन के निडर तरीके से हैरान थे। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के कप्तान दक्षिण अफ्रीका में बैठकर फैसले कर रहे हैं। पूर्व कप्तान बॉब विलिस ने कहा कि एशेज श्रृंखला के वर्ष में इंग्लैंड की टीम इस चीज की उम्मीद नहीं कर रही होगी यह काफी खराब है।

उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि आधे खिलाड़ी पीटरसन की तरफ होंगे जबकि आधे मूर्स का पक्ष ले रहे होंगे। यह सचमुच पेचीदा है और इंग्लैंड की टीम एशेज से पहले इसकी उम्मीद नहीं कर रही होगी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने देश के क्रिकेट को इस हालत में पहुँचाने के लिए पीटरसन और क्रिकेट बोर्ड की काफी आलोचना की।

जियोसुपर बेबसाइट ने उनके हवाले से लिखा यह हैरान करने वाला है कि इंग्लैंड क्रिकेट का एशेज श्रृंखला से पहले खुद को अधर में गिराना जारी है। उन्होंने कहा ईसीबी ने जब पीटरसन को कप्तान बनाया था उन्हें पता था कि वह किस तरह का व्यक्ति है। शायद उनके व्यक्तित्व को देखकर ही उन्होंने उन्हें कप्तान बनाया था। उन्हें सोचना चाहिए था कि मूर्स और पीटरसन के बीच तनाव होना लाजमी था।

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