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दस साल और खेलें सचिन-लता मंगेशकर

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भाषा , गुरुवार, 12 नवंबर 2009 (23:42 IST)
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सचिन तेंडुलकर को क्रिकेट का भगवान कहने वाली सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की ख्वाहिश है कि यह चैम्पियन बल्लेबाज सिर्फ 2011 विश्वकप ही नहीं बल्कि अगले दस साल तक और खेलता रहे और विश्वकप जीतने का अपना सपना जरूर पूरा करे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 बरस पूरे करने वाले तेंडुलकर की मुरीद लता ने कहा कि मैं चाहती हूँ कि सचिन विश्वकप जीतकर लाएँ और 2011 विश्वकप ही नहीं बल्कि जब तक अच्छे खेल रहे हैं, खेलते रहें। अभी उनके भीतर काफी क्रिकेट बची है।

सचिन के संन्यास की अटकलों से खफा इस महान पाश्र्वगायिका ने कहा कि हमारे देश में पता नहीं क्यों रिटायरमेंट की बातें समय से पहले ही होने लगती हैं, जबकि वे अच्छा खेल रहे हैं। मुझे सचिन की आलोचना बिल्कुल पसंद नहीं है। एकाध मैच में रन नहीं बनने पर सभी उनके पीछे पड़ जाते हैं। कभी कभार हमारा भी कोई गाना नहीं चलता तो कोई सुपरहिट हो जाता है, लेकिन इसके मायने यह तो नहीं कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिए।

अपने क्रिकेट प्रेम के लिए मशहूर लता ने कहा कि हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए कि वे अपने प्रशंसकों के लिए खेलते रहें। हम उसके साथ हैं। इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट की दुनिया का हर रिकॉर्ड उनके नाम होगा।

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उन्होंने सचिन को अपना गीत ‘आकाश के उस पार आकाश और भी है’ समर्पित करते हुए कहा कि सचिन ने इतने रिकॉर्ड बना लिए हैं कि शायद ही कोई तोड़ पाए। मेरा उनसे यही कहना है कि आकाश के उस पार आकाश और भी हैं और अभी उसे कामयाबी की कई दास्तानें लिखनी हैं।

यह पूछने पर कि क्या वे सचिन को दुनिया का नंबर वन क्रिकेटर मानती हैं, लता ने कहा कि जब डॉन ब्रैडमैन ने उनकी काबिलियत को मान लिया तो मैं क्या हूँ। ब्रैडमैन को सचिन में अपना अक्स नजर आता था। इससे बड़ी तारीफ और क्या हो सकती है जो ना कभी किसी को मिली है और ना मिलेगी । मेरे घर में तो सब कहते हैं कि सचिन क्रिकेट का भगवान है।

अभी भी भारतीय टीम के सारे मैच टीवी पर देखने वाली लता को टीम का हारना पसंद नहीं, लेकिन उनका कहना है कि हार-जीत खेल का हिस्सा है और इसे लेकर टीम को बुरा कहना गलत है।

उन्होंने कहा कि हम जीतते हैं तो हारने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। अभी ऑस्ट्रेलिया ने हमें हराया, मुझे अच्छा नहीं लगा, लेकिन खेल में यह सब होता रहता है। उम्मीद है कि हम आगे अच्छा खेलेंगे। भारतीय टीम के 1989 के पाकिस्तान दौरे पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से लेकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न एकदिवसीय श्रृंखला में वनडे क्रिकेट में 17000 रन पूरे करने तक सचिन के मैदानी जलवों की साक्षी रहीं लता को नहीं लगता कि इस रन मशीन की शैली में कोई बदलाव आया है।

उन्होंने कहा कि सचिन पहले भी अच्छे खेलते थे और आज भी। पहले भी सारे गेंदबाज उनसे डरते थे और आज भी। बदला तो कुछ भी नहीं है।

बहुत कम लोग जानते हैं कि लता को सचिन ‘आई’ (माँ) कहकर बुलाते हैं। संगीत के शौकीन सचिन क्रिकेट से समय मिलने पर वाकमैन पर अक्सर लता के गीत सुनते रहते हैं। इस बारे में लता ने बताया कि सचिन का जन्मदिन 24 अप्रैल को है और उसी दिन मेरे पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की बरसी पड़ती है। एक बार उनके जन्मदिन से पहले मेरी मुलाकात उनसे हुई जब मैंने उन्हें शिर्डी साईबाबा की मूर्ति तोहफे में दी थी।

उन्होंने आगे बताया कि इस मौके पर पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वे मेरे बारे में क्या कहेंगे तो उनका जवाब था कि मैं अपनी माँ के बारे में क्या कह सकता हूँ। तभी से वे मुझे आई कहते हैं और मानते भी हैं। मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मेरे पास सचिन जैसा बेटा है। (भाषा)

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