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धोनी की रणनीति पर उठे सवाल

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नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 16 जून 2009 (10:55 IST)
कुछ समय पहले तक कैप्टन कूल रहे महेंद्र सिंह धोनी अब इंग्लैंड के हाथों हार के बाद ट्वेंटी20 विश्व कप से टीम इंडिया के बाहर होने के कारण आलोचकों का कोपभाजन बन गए हैं और कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी रणनीति पर सवाल उठाए हैं।

टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी और रविंदर जडेजा को युवराज सिंह से पहले चौथे नंबर पर भेजने के फैसले क्रिकेट पंडितों को रास नहीं आए हैं। महान स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने कहा कि जडेजा की तुलना में तो हरभजन सिंह भी चौथे नंबर के लिए अच्छा विकल्प हो सकते थे।

उन्होंने कहा इतने महत्वपूर्ण मैच में धोनी को टॉस जीतकर गेंदबाजी नहीं चुननी चाहिए थी। हमारा बल्लेबाजी क्रम भी सही नहीं था। जडेजा को युवराज और धोनी से पहले भेजना भी गलती थी। उस क्रम पर तो जडेजा की बजाय हरभजन सिंह भी बेहतर होते।

पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा कि भारत के पास वीरेंद्र सहवाग का कोई विकल्प नहीं था जो कँधे की चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे।

उन्होंने कहा प्रतिभा होने के साथ,खिताब के प्रबल दावेदार होने के बावजूद यह इसलिए हुआ क्योंकि समय पर हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। सहवाग की कमी भी खली।

किरमानी ने कहा इस प्रारूप में सलामी जोड़ी को अच्छा खेलना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके अलावा जडेजा और गौतम गंभीर की बल्लेबाजी के दौरान रनगति धीमी पड़ गई थी।

पूर्व क्रिकेटर अरुण लाल ने भी धोनी की कप्तानी पर सवाल उठाते हुए कहा जडेजा को ऊपर भेजना अति आत्मविश्वास और रक्षात्मक रणनीति का परिचायक था। पूर्व खिलाड़ी वीबी चंद्रशेखर ने कहा कि जडेजा को टीम में ही नहीं होना चाहिए था।

उन्होंने कहा पहले क्षेत्ररक्षण का धोनी का फैसला ही गलत था। रविंदर जडेजा को प्रज्ञान ओझा की जगह चुनना भी गलती थी। हरभजन सिंह भी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे।

उन्होंने यह भी कहा जडेजा को युवराज से पहले भेजना भी गलती थी क्योंकि वे टूर्नामेंट में अभी तक खेले नहीं थे। हम युवराज पर भी जरूरत से ज्यादा निर्भर थे। वैसे यदि युवराज नहीं चलते तो हम टूर्नामेंट से पहले ही बाहर हो गए होते।

भारत को 1983 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव ने हालाँकि इस हार पर प्रतिक्रिया से इनकार कर दिया। उनकी माँ का कुछ दिन पहले ही निधन हुआ है।

पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने कहा 154 रन का लक्ष्य मुश्किल नहीं था। वैसे पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला गलत नहीं था। मैं भी वैसा ही करता। मुझे लगता है कि हमारी रणनीति गलत साबित हुई।

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