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बीसीसीआई ने क्या दिया उच्चतम न्यायालय को सुझाव?

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मुंबई , सोमवार, 21 अप्रैल 2014 (01:04 IST)
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मुंबई। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण से मुसीबतों में घिरे बीसीसीआई ने आज उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए प्रतिष्ठित लोगों की तीन सदस्यीय समिति का सुझाव दिया।

बोर्ड की कार्य समिति ने यहां आपात बैठक के दौरान जांच समिति के सदस्यों के रूप में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रवि शास्त्री, कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल और सीबीआई के पूर्व निदेशक आरके राघवन के नामों का सुझाव देने का फैसला किया।

बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने विदर्भ क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में हिस्सा लिया। पता चला है कि लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के नाम पर भी बैठक में विचार किया गया लेकिन बाद में कार्य समिति ने उपरोक्त तीन लोगों को चुना।

उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल को मामले की पिछली सुनवाई के दौरान आईपीएल छह स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण की ‘निष्पक्ष जांच’ के लिए लोगों के नाम का सुझाव देने को कहा था।

उच्चतम न्यायालय के 22 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के सुझाव पर विचार करने और जांच के भविष्य के रूख पर आदेश देने की संभावना है। बोर्ड से मान्यता प्राप्त कुछ इकाइयों ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कार्य समिति की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी, जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई।

उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि बीसीसीआई को अपनी संस्थानिक स्वायत्तता बनाए रखने के लिए एन श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में जांच करनी चाहिए क्योंकि न्यायालय न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति द्वारा लगाए गए आरोपों पर आंखे बंद नहीं कर सकता।

न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति एफएम इब्राहिम खलीफुल्ला की खंडपीठ हालांकि एसआईटी या सीबीआई से जांच कराने के पक्ष में नहीं थी। खंडपीठ ने कहा था कि बीसीसीआई की संस्थानिक स्वायत्तता बनाए रखना जरूरी है और इस मुद्दे पर गौर करने के लिए बीसीसीआई द्वारा गठित समिति को प्राथमिकता दी जाएगी। (भाषा)

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