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भारतीय क्रिकेटरों की पैसों में दिलचस्पी : ग्रेग चैपल

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एडिलेड , बुधवार, 7 मार्च 2012 (23:21 IST)
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने अपनी जुबां से आग उगलना बंद नहीं किया। चैपल का मानना है कि भारतीयों की टेस्ट क्रिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकर दिलचस्पी पैसों में है और वे ट्‍वेंटी-20 मैच खेलकर ही काफी कमा लेते हैं।

चैपल ने एडिलेड राइटर्स वीक में अपनी किताब 'फियर्स फोकस' के प्रमोशनल इवेंट के अवसर पर कहा कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे में भारतीयों की टेस्ट क्रिकेट में वास्तव में कोई दिलचस्पी नहीं थी और टेस्ट क्रिकेट उनके लिए मुश्किल खेल है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सिरीज 0-4 से गंवाई थी।

पूर्व भारतीय कोच ने कहा दौरे की शुरुआत से ही यह स्पष्ट हो गया था कि भारतीयों की टेस्ट सिरीज में कोई दिलचस्पी नहीं है। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने दिखाया कि वे खेल के इस प्रारूप में एक मजबूत ताकत हैं। मुझे भारतीयों से बडी निराशा हुई।

उन्होंने कहा मैंने भारतीयों के साथ लंबे समय तक काम किया था और उनके साथ ड्रेसिंग रूम में मौजूद रहा था, इसलिए मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट उनके लिए बहुत मुश्किल है। वे ट्‍वेंटी-20 खेलकर काफी पैसा कमा लेते हैं। इसके साथ वनडे से भी उनका काम चल जाता है। चैपल ने टीम इंडिया ही नहीं बल्कि उपमहाद्वीप की टीमों को भी आड़े हाथों लिया।

उन्होंने कहा टेस्ट क्रिकेट केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि उपमहाद्वीप की कई टीमों के लिए मुश्किल है। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत थकाने वाला होता है।

चैपल के सहलेखक मैलकम नोब्स ने चर्चा को फिर किताब की तरफ मोडा और यह बताया कि किस तरह चैपल ने वीरेन्द्र सहवाग की फिटनेस और उनके रवैये तथा जहीर खान की फिटनेस को भारत के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा बताया। चैपल ने नोब्स को बीच में ही टोकते हुए कहा कि जहीर के साथ भी अहम की समस्या है।

भारतीय संस्कृति पर सवाल उठाते हुए चैपल ने कहा कि उनकी संस्कृति बड़ी अलग है और यह टीम संस्कृति नहीं है। उनमें नेताओं का अभाव है क्योंकि उन्हें नेता बनने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता है। बचपन में माता-पिता सारे फैसले करते हैं, स्कूल में अध्यापक फैसले करते हैं और क्रिकेट में कोच फैसले करते हैं।

हालांकि चैपल ने भारतीय कप्तान के रूप में महेन्द्र सिंह धोनी को इस सिद्धांत से कुछ अलग बताया लेकिन साथ ही कहा कि धोनी व्यवस्था में कहीं खो चुके हैं।

उन्होंने कहा धोनी ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने मुझे काफी प्रभावित किया है। जब वह भारतीय टीम में आए थे तो वह नेता बनने की प्रक्रिया में थे और वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने फैसले कर सकता है। पूर्व भारतीय कोच ने कहा लेकिन इस दौरे में धोनी की मैदान में भावभंगिमा देखकर मुझे लगा ही नहीं कि यह वही धोनी हैं।

चैपल ने साथ ही सहवाग की कप्तानी की आकांक्षा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी इस आकांक्षा से भारतीय टीम को काफी नुकसान हुआ। चैपल ने कहा सहवाग ने सोचा था कि अनिल कुंबले के बाद उन्हें ही कप्तान बनाया जाना चाहिए और इस टकराव का यही कारण रहा। (वार्ता/वेबदुनिया)

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