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विदेशी टीमों के लिए कब्रगाह रही हैं कीवी पिचें

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नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 17 फ़रवरी 2009 (11:01 IST)
सचिन तेंडुलकर यदि अपने साथियों को न्यूजीलैंड की परिस्थितियों को लेकर दौरे से पहले ही आगाह कर रहे हैं तो उसका सबसे बड़ा कारण यही है कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कोई भी विदेशी टीम वहाँ की पिचों पर अपना जलवा नहीं दिखा पाई है।

भारतीय टीम जल्द ही न्यूजीलैंड दौरे पर रवाना होगी जहाँ वह दो ट्वेंटी-20 मैचों से शुरुआत करके पाँच एकदिवसीय और तीन टेस्ट मैच खेलेगी। भारत दुनिया की उन टीमों में शामिल है, जिसका न्यूजीलैंड में वनडे और टेस्ट दोनों में खराब रिकॉर्ड है।

भारत ने न्यूजीलैंड में 30 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिनमें उसे नौ में जीत और 20 में हार मिली जबकि 18 टेस्ट मैचों में से उसने चार जीते हैं जबकि सात में उसे पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन यदि सिर्फ एकदिवसीय मैचों पर गौर किया जाए तो ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर कोई भी अन्य विदेशी टीम न्यूजीलैंड पर उसकी धरती पर दबदबा नहीं जमा पाई।

ऑस्ट्रेलिया ने कीवियों की धरती पर 45 वनडे खेले हैं, जिनमें से 30 में उसे जीत मिली लेकिन अन्य कोई भी टीम न्यूजीलैंड में ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाई और यही कारण है कि कीवी टीम ने अपने देश में अब तक खेले गए 213 एकदिवसीय मैच में से 116 में जीत हासिल की है और 84 में उसे हार मिली है।

न्यूजीलैंड में वैसे एकदिवसीय मैचों में सबसे खराब प्रदर्शन के मामले में जिम्बाब्वे के बाद दूसरा नंबर भारत का आता है। भारत का वहाँ जीत का प्रतिशत 31.03 है जबकि जिम्बाब्वे ने 14 मैच में से केवल चार मैच जीते हैं और उसका प्रतिशत 28.57 है। अन्य टीमों में ऑस्ट्रेलिया के बाद इंग्लैंड ही न्यूजीलैंड में कुछ अच्छा प्रदर्शन कर पाया है, जिसने 13 मैच जीते और 17 गँवाए।

अभी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की नंबर एक टीम दक्षिण अफ्रीका को भी न्यूजीलैंड की धरती पर हमेशा जूझना पड़ा। उसने वहाँ जो 19 मैच खेले हैं, उनमें से वह केवल छह में जीत पाई है जबकि पाकिस्तान ने 34 मैच में से 12 में, श्रीलंका ने 29 मैच में से 11 में और वेस्टइंडीज ने 25 मैच में से नौ में जीत दर्ज की है। बांग्लादेश को न्यूजीलैंड में खेले गए तीनों मैच में हार मिली है।

जहाँ तक टेस्ट मैचों का सवाल है तो भारत के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे ने ही न्यूजीलैंड से उसकी सरजमीं पर जीत की तुलना में अधिक मैच में हार झेली है। इंग्लैंड का न्यूजीलैंड में सबसे बढ़िया रिकॉर्ड रहा है। उसने वहाँ खेले गए 44 टेस्ट मैचों में से 18 में जीत दर्ज की जबकि चार में उसे हार मिली, लेकिन इनमें से अधिकतर जीत तब हासिल की जबकि न्यूजीलैंड को दुनिया की सबसे कमजोर टीम माना जाता था।

ऑस्ट्रेलिया को वहाँ खेले गए 22 मैच में से दस में जीत और पाँच में हार मिली है। यही वजह है कि न्यूजीलैंड अपनी सरजमीं पर खेले गए 168 टेस्ट मैच में से 41 में ही जीत दर्ज कर पाया जबकि 55 में उसे हार मिली। बाकी 72 मैच ड्रॉ समाप्त हुए।

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