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सचिन तेंदुलकर के निशाने पर राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड

हमें फॉलो करें सचिन तेंदुलकर के निशाने पर राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड
नई दिल्ली , बुधवार, 13 मार्च 2013 (00:41 IST)
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नई दिल्ली। चेन्नई में पहले टेस्ट में अपना 52वां टेस्ट शतक बनाने से चूक गए सचिन तेंदुलकर मोहाली के पीसीए स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार से होने वाले तीसरे टेस्ट में राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड तोड़ने के इरादे से उतरेंगे

रिकॉर्डों के बेताज बादशाह सचिन जनवरी 2011 के बाद से ही टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने की तलाश में हैं। उनकी यह तलाश चेन्नई में ही पूरी होने जा रही थी लेकिन वह 81 रन बनाने के बाद आउट हो गए थे। हैदराबाद में वह सात रन बनाने के बाद दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से विकेट के पीछे आउट हो गए।

सचिन मोहाली में जब तीसरे टेस्ट में खेलने उतरेंगे तो उनके निशाने पर इस मैदान में द्रविड़ का सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड होगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके द्रविड़ ने मोहाली में नौ टेस्टों में 56.63 के औसत और दो शतकों तथा चार अर्धशतकों की मदद से सर्वाधिक 735 रन बनाए हैं।

टेस्ट क्रिकेट मे सर्वाधिक रनों शतकों और मैचों के विश्व रिकॉर्डधारी सचिन इस मैदान पर दस मैचों मे 50.64 के औसत ने 709 रन बना चुके हैं, जिनमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं। सचिन को मोहाली में द्रविड़ को रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 27 रनों की जरूरत है। सचिन का इस मैदान पर सर्वाधिक स्कोर नाबाद 126 रन है।

मोहाली में द्रविड़ और सचिन के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले अगले दो बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर इस समय टीम इंडिया से बाहर हैं। सहवाग के खाते में छह मैचों से 645 रन और गंभीर के खाते मे चार मैचो से 545 रन हैं।

सचिन मोहाली मे नौ चौके लगाने के साथ इस मैदान में चौकों का शतक भी पूरा कर लेंगे और मोहाली में सर्वाधिक चौके लगाने के मामले में द्रविड़ से भी आगे निकल जाएंगे। मोहाली में सचिन ने अब तक 91 चौके और द्रविड़ ने 94 चौके लगाए हैं।

सीरीज मे चेन्नई और हैदराबाद टेस्ट जीतकर 2-0 की बढ़त बना चुके भारत के लिए मोहाली का मैदान एक बार फिर भाग्यशाली साबित हो सकता है जहां उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पिछले सभी दोनों मैच जीते है। भारत मोहाली मे दिसंबर 1994 में खेला गया पहला टेस्ट वेस्टइंडीज से हारने के बाद अब तक अपराजित चल रहा है।

भारत ने मोहाली में पिछले नौ टेस्टो में चार जीते हैं और पांच ड्रॉ खेले है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अक्टूबर 2008 मे इस मैदान पर 320 रन के रिकॉर्ड अंतर से पराजित किया था। भारत ने 469 रन का विशाल स्कोर बनाया था, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 268 रन पर सिमट गई थी।

भारत ने अपनी दूसरी पारी तीन विकेट पर 314 पर घोषित की थी और ऑस्ट्रेलिया के सामने 516 रन का लक्ष्य रखा था लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम 195 रन पर ढेर हो गई थी। मोहाली के उस टेस्ट मे धोनी ने कार्यवाहक कप्तान के रूप मे भारत को शानदार जीत दिलाई थी।

इसी सीरीज मे अनिल कुंबले के संन्यास के बाद धोनी भारत के पूर्णकालिक कप्तान बने थे। भारत ने फिर अक्टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया को वी वी एस लक्ष्मण की नाबाद 73 रन की जुझारू पारी से एक विकेट से पराजित किया था। कप्तान धोनी के लिए अब मौका है कि वह इस मैदान मे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत की हैटि्रक बनाए और सीरीज में 3-0 की अपराजेय बढत हासिल कर ले।

धोनी मोहाली मे तीसरे टेस्ट मे उतरने के साथ ही दोनों देशों के बीच सर्वाधिक मैचों में कप्तानी करने के मामले में बॉबी सिम्पसन और स्टीव वॉ की बराबरी कर लेगे। सिम्पसन और वॉ ने दस-दस मैचों में कप्तानी संभाली है जबकि धोनी अब तक नौ मैचों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की कप्तानी कर चुके हैं।

सीरीज के आखिरी मैच मे धोनी एलन बॉर्डर, नवाब पटौदी और रिकी पोंटिंग के दोनों देशों के बीच सर्वाधिक 11-11 मैचों के रिकॉर्ड की भी बराबरी पर पहुंच जाएंगे। धोनी यदि मोहाली टेस्ट जीत लेते हैं तो वह सिम्पसन को पीछे छोड़कर दोनों देशों के बीच सबसे सफल कप्तान बन जाएंगे। सिम्पसन और धोनी ने अब तक एक बराबर छह टेस्ट जीते हैं। (वार्ता)

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