Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

प्लास्टिक पर घरौंदा बनाते जीव

हमें फॉलो करें प्लास्टिक पर घरौंदा बनाते जीव
, गुरुवार, 16 अगस्त 2012 (15:22 IST)
FILE
नो मोर प्लास्टिक- या प्लास्टिक का इस्तेमाल मत करें। ऐसी चेतावनी अक्सर नजर आती है। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरनाक है इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन कुछ समुद्री जीव ऐसे भी हैं जिनके लिए प्लास्टिक फायदेमंद होता है

एक सेंटीमीटर लंबे इस कीड़े का नाम हालोबाटेस सीरीसियस है। पानी की सतह पर आगे पीछे तैरने वाला ये कीड़ा वैसे तो अंडे देने के लिए सतह के नीचे जाता है, लेकिन समुद्र में फैले प्लास्टिक की वजह से इसे आबादी बढ़ाने में काफी आसानी हो रही है। पहले ये कीड़ा लकड़ी और दूसरे कू़ड़ा करकट पर अंडे देता था। अब इसने प्लास्टिक को घरौंदा बना लिया है।

प्लास्टिक पर जिंदगी : इस कीड़े पर शोध करने वाले मार्टिन थाइल कहते हैं, 'कीड़े के लिए लावा से बने पत्थर सबसे अहम हैं। ये ज्वालामुखी फूटने के दौरान निकलते हैं। ये बहुत कुछ प्लास्टिक की तरह होते हैं। अजैविक होते हैं।'

पहले घरौंदा बनाने के लिए ये कीड़ा लकड़ी का इस्तेमाल करता था, लेकिन अब लकड़ी की जगह प्लास्टिक ने ले ली है। 20वीं शताब्दी में उद्योगों के विकास के बाद बडे़ पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल होने लगा। नदियों के जरिए बह कर प्लास्टिक समुद्र में पहुंचता है।

कैलिफोर्निया के ला जोला विश्वविद्यालय में समुद्र विज्ञान के रिसर्चर बताते हैं कि इस कीड़े को प्लास्टिक में रहने के लिए अच्छी खासी जगह मिल जाती है। खास बात यह है कि 1970 के मुकाबले आज की तारीख में 100 गुना ज्यादा प्लास्टिक है। यानी इस कीड़े की तादाद भी पहले से बढ़ी है।

हालांकि शोधार्थी मानते हैं कि ये अनंत काल तक अपनी आबादी नहीं बढ़ा सकता क्योंकि प्रशांत महासागर में इसके विकास के लिए जरूरी भोजन की कमी। थाइल का कहना है, 'कचरे के तैरते हुए ढेर पर इस कीड़े की एक खास प्रजाति रहती है जो इस स्थिति के लिए अनुकूलित हो चुकी है।'

जानलेवा बना प्लास्टिक : एक कीड़े के लिए फायदेमंद प्लास्टिक समुद्र के दूसरे जीव जंतुओं के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। स्पाई तट पर एक केंचुआ प्लास्टिक खाने की वजह से मृत पाया गया। समुद्र में पाया जाने वाला प्लास्टिक सूरज की किरणों और लहरों की टक्कर से नष्ट होने लगता है। धीरे धीरे ये इतना छोटा हो जाता है कि इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता।

हेलीगोलैंड के अल्फ्रेड वेगेनर इंस्टीट्यूट के शोधार्थी हाइन्ज डीटर फ्रांके कहते हैं, 'समुद्र में ज्यादातर प्लास्टिक टेक्सटाइल, कॉस्मेटिक उत्पाद और केमिकल उत्पादों से आता है। पहले बारिश के साथ मिलकर ये नदी में शामिल होता है इसके बाद ये समुद्र में मिल जाता है। चूंकि समुद्र में घुला मिला प्लास्टिक नंगी आंखों से नहीं दिखता इसीलिए लोग उस पर कम ध्यान देते हैं। जितना छोटा प्लास्टिक होता है, उतना ही दूसरे समुद्री जीवों के लिए खतरनाक हो जाता है।'

प्लास्टिक का कचरा बहुत लंबे समय तक पानी में जिंदा रह जाता है। फ्रांक का कहना है कि प्लास्टिक जितना छोटा होता जाता है वो दूसरे जानवरों की सेहत के लिए उतना ही खतरनाक हो जाता है।

खतरनाक है प्लास्टिक : जानकार बताते हैं कि प्लास्टिक जीवों के लिए खतरनाक होता है इस समस्या से तो सभी परिचित हैं। लेकिन जिस इलाके में प्लास्टिक होता है उस इलाके में वास्तव में क्या परिवर्तन होता ये कहना मुश्किल है। प्लास्टिक को नष्ट करने में बैक्टीरिया का रोल कितना होता है, ये भी कह पाना मुश्किल है।

थाइल कहते हैं, 'हमें ये ध्यान रखना होगा कि ये वो जगहें हैं जो समुद्र में काफी दूर हैं। यहां पर शोध करना काफी मुश्किल है। इस जीव की पारिस्थितिकी के बारे में हम कुछ नहीं जानते।' हालांकि ये तय है कि कुछ समुद्री जीव अपना स्वरूप बदलते रहते हैं जबकि कुछ नहीं। इस समुद्री जीव की संख्या में बढ़ोत्तरी छोटी मछलियों के लिए बढ़िया खुराक हो सकती है।

रिपोर्टः फाबियान श्मिट/वीडी
संपादनः ए जमाल

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi