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हार्ड डिस्क में दो चुटकी नमक

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, शनिवार, 15 अक्टूबर 2011 (18:20 IST)
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खाने का नमक कंप्यूटर के भीतर घुसने जा रहा है। सिंगापुर के वैज्ञानिकों का कहना है कि नमक के इस्तेमाल से कंप्यूटर हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता छह गुना बढ़ाई जा सकती है। मात्र एक वर्ग इंच में 3.3 टेराबाइट डेटा स्टोर होगा।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, एजेंसी फॉर साइंस-टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च और डेटा स्टोरेज इंस्टीट्यूट ने मिलकर यह खोज की है। एक ऐसी प्रकिया तैयार की गई है जिसके जरिए नमक का इस्तेमाल करते हुए 'हार्ड डिस्क की रिकॉर्डिंग डेन्सिटी 3.3 टेराबाइट प्रति इंच बढ़ाई जा सकती है।'

बयान में कहा गया है, 'इसका अर्थ यह है कि जिस हार्ड डिस्क में अभी एक टेराबाइट डेटा आता है, नई तकनीक के इस्तेमाल से भविष्य में उसी आकार की डिस्क में छह टेराबाइट जानकारी स्टोर की जा सकेगी।'

इस आविष्कार की रिपोर्ट विज्ञान मामलों की पत्रिका नैनोटेक्नोलॉजी, जरनल ऑफ वैक्यूम साइंस और टेक्नोलॉजी बी में छपी हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 'यह अच्छे ढंग से कपड़े तह कर सूटकेस में रखने जैसा है। आप जितनी सफाई से पैकिंग करेंगे, उतने ज्यादा कपड़े रख सकेंगे।'

मेमोरी डिवाइस तैयार करने की प्रकिया को 'बिट पैटर्निंग' कहा जाता है। पहले वैज्ञानिक बिट्स की बारीक कटिंग लाइन नहीं देख पाते थे। फिल्म पर प्रिंट बिट्स की बारीक लाइनों का बाहरी हिस्सा नहीं दिखाई पड़ता था। लेकिन खाने के नमक के जरिए बिट्स की लाइनें साफ देखी गईं। सॉल्ट रेसिपी की खोज करने वालों में से एक जोएल यांग कहते हैं, 'इसकी मदद से आपको अति उच्च कन्ट्रास्ट मिल सकता है। अब हम उन लाइनों को भी साफ ढंग से देख सकते हैं जो धुंधली सी हो जाया करती थीं।'

यांग को उम्मीद है कि 2016 तक डेटा स्टोरेज से जुड़े उद्योग सॉल्टेड बिट पैटर्निंग प्रक्रिया को अपनाने लगेंगे। बीते 10 सालों का उदाहरण देते हुए वह कहते हैं कि हार्ड डिस्क का आकार बढ़ाने के बजाए उसकी क्षमता बढ़ाना आज के दौर की मांग है।

रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार

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