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कई नेताओं के ख्वाब हुए चकनाचूर

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नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 17 मई 2009 (11:54 IST)
पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव के चौंकाने वाले नतीजों ने कई नेताओं के प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब तोड़ दिए।

भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी जहाँ 'पीएम इन वेटिंग' बनकर रह गए, वहीं चुनावी नतीजों ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, राजद प्रमुख लालूप्रसाद, बसपा प्रमुख मायावती और माकपा नेता प्रकाश करात को फिलहाल प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया।

आडवाणी ने इस चुनाव में अपनी रैलियों तथा प्रचार में डॉ. मनमोहनसिंह को बार-बार कमजोर प्रधानमंत्री कहा, लेकिन चुनावी नतीजों ने डॉ. सिंह को मजबूत प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया।

मीडिया में ऐसी खबरें भी छपीं कि शरद पवार भी अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। शिवसेना ने भी कहा कि उसकी पार्टी की तरफ से पवार प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य व्यक्ति हैं।

रेलमंत्री लालूप्रसाद ने लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान तथा सपा प्रमुख मुलायमसिंह यादव के साथ मिलकर चौथा मोर्चा बनाया और बिहार में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा। इतना ही नहीं लालूप्रसाद ने खुद को भी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताया।

अखबारों में ऐसी भी खबरें छपीं कि बसपा प्रमुख मायावती भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में हैं, लेकिन उन्हें पूर्वानुमान से कम सीटें मिलीं। मायावती ने गैरकांग्रेस और गैरभाजपा सरकार बनाने की पहल की तथा तीसरे मोर्चा से हाथ मिलाया।

माकपा महासचिव प्रकाश करात ने भी मायावती को तवज्जो दी तो मीडिया ने यह भी कहा कि वामदल उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश में लगे हैं। मीडिया में यह भी खबरें छपीं कि करात भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं। इस पर करात ने खंडन भी किया कि वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं।

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