25 अगस्त, 1819
मेरी प्यारी टेरेसा,
मैंने वह किताब तुम्हारे बगीचे में पढ़ी, प्रिय तुम वहाँ मौजूद नहीं थी, या बाकी मैं उसे पढ़ नहीं सका था। वह तुम्हारी पसंदीदा किताब थी और उसका लेखक मेरा दोस्त था। तुम उन अँग्रेजी शब्दों को नहीं समझ सकोगी और दूसरे उसे समझ नहीं सकेंगे, क्या वजह है कि उसे इटालियन में नहीं लिख सकता। लेकिन तुम उन अक्षरों को पहचान पाओगी, जो तुम्हें पागलों की तरह प्यार करता है और तुम उसकी पूजा करोगी, पूरी किताब में, जोकि तुम्हारा था, वह केवल प्यार के बारे में सोच सकता था।
यह शब्द सारी भाषाओं में सुंदर लगते हैं, लेकिन तुम्हारे अमोर मियो में सबसे अच्छे, क्या मेरी उपस्थिति अभी और इसके बाद भी यूँ ही बनी रहेगी। तुम किस उद्देश्य से निर्णय लोगी, मेरा लक्ष्य तुम्हारे साथ है और तुम 18 साल की एक युवती हो और दोनों ही अलग भाषाओं के हैं। मैं तुम्हें प्यार करता हूँ और तुम मुझे प्यार करती हो, कम-से-कम तुम ऐसा कह सकती हो और ऐसा दिखा सकती हो, जैसा कि तुमने किया है, जिसने हर मोड़ पर मुझे दिलासा दिया है।
लेकिन मैं तुमसे ज्यादा तुम्हें प्यार करता हूँ और खुद को तुम्हें प्यार करने से नहीं रोक सकता। तुम मुझे उस समय याद करो जब ये पर्वतें और नदियाँ हमें अलग करती हों-लेकिन वे नहीं ऐसा नहीं कर पाएँगे, जब तक कि तुम यह मन्नत ना करो।