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कुरावन से जानते हैं मौसम का मिजाज

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नगरी (मंदसौर)। , बुधवार, 13 मई 2009 (10:25 IST)
-सुरेश पपोंडिया
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बुजुर्ग हवा के रुख से मौसम का मिजाज जान लेते हैं। हाल ही में शुरू हुई कुरावन हवाओं के आधार पर बुजुर्गों ने आगामी डेढ़ माह में वर्षा की संभावना बताई है। साथ ही इस बार अच्छी बरसात की भविष्यवाणी भी की है।

क्षेत्र में सोमवार से कुरावन हवाओं का दौर आरंभ हो गया है। कुरावन हवाओं से लोगों को लू के थपे़ड़ों से थो़ड़ी राहत मिली है। किसानों के साथ ही बुजुर्गों ने अपने पारंपरिक ज्ञान के आधार पर बरसात की संभावित तिथियों का अनुमान लगाना शुरू कर दिया है। प्रथम दो दिन चलने वाली तेज कुरावन हवाओं से कृषकों में अच्छी वर्षा की आस बँधी है।

विश्वसनीयता कम नहीं : ग्रामीण अंचल में मौसम संबंधी वैज्ञानिक भविष्यवाणियों के साथ ही व्यावहारिक भविष्यवाणियों में बुजुर्गों की राय भी कम विश्वसनीय नहीं मानी जाती। दो दिन पूर्व से चली कुरावन हवा के रुख के आधार पर डेढ़ माह में बरसात के आगमन की संभावना व्यक्त की गई है। यही नहीं कृषकों ने खेत तैयार करना भी शुरू कर दिए हैं।

कैसे चलती है कुरावन : कृषकों के मुताबिक वैशाख-ज्येष्ठ माह में तीन दौर में चलने वाली कुरावन हवाएँ एक बार में छः-सात दिन चलती हैं। प्रथम तीन दिन हवा की गति तेज होती है, उसके बाद धीमी हो जाती है। एक पखवा़ड़े के अंतराल के बाद कुरावन हवाओं का दौर पुनः चलता है।

तीसरे दौर में भारी उमस के बाद चलने वाली कुरावन हवाओं के साथ पानी की बौछारें भी आ जाती हैं। दूसरे दौर की कुरावन हवाओं में आने वाले मेवाड़ियों (छोटे बादलों) की संख्या के आधार पर कम तथा भारी बारिश का अनुमान लगता है।

अनुमान ऐसे लगाते हैं : 70 वर्षीय कृषक बगदीराम अटोलिया के अनुसार कुरावन हवाओं के प्रारंभ होने के लगभग डेढ़ माह बाद बरसात की संभावना बढ़ जाती है। तीन दौर में हवाओं के चलने की गति वर्षा की स्थिति का पूर्वाभास कराती है। तीसरे दौर की हवा में तेज आँधी के साथ वर्षा की बौछारें आती हैं। कुरावन हवाओं से अनाज में सीलन भी चढ़ने लगती है।

कृषक रमेश धाकड़ के अनुसार कुरावन हवाओं के चलने के साथ ही वृक्षों में कोपलें फूटने लगती हैं। मौसम में सुबह-सुबह नमी आने लगती है। हल्के बादलों से आसमान ढँकने लगता है। तीन दिन तक तेज एवं तीन-चार दिन हल्की हवाएँ तीन दौर में रुक-रुककर चलने के बाद बारिश आती है।-नईदुनिया

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