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बायसन प्रजाति को बचाने की योजना

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भोपाल (वार्ता) , शनिवार, 12 अप्रैल 2008 (11:52 IST)
मध्यप्रदेश में तेजी से घटती जा रही जंगली भैंसे बायसन की प्रजाति का दीर्घकालीन संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना तैयार की गई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वन विभाग जंगली भैंसों की प्रजाति को बचाने के लिए इन्हें कान्हा बाघ अभ्यारण्य से बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भेजेगा।

वन मंत्री कुँवर विजय शाह ने बताया कि यह एक ऐसी प्रजाति है जिसकी संख्या तेजी से घट रही है तथा इसके अस्तित्व को बनाए रखने के लिए इसका संरक्षण आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि कंजर्वेशन कार्पोरेशन ऑफ अफ्रीका एवं वन विभाग के संयुक्त प्रयास से इस योजना के तहत कान्हा बाघ अभयारण्य से 20 बायसन के एक झुण्ड को बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि कंजर्वेशन कार्पोरेशन ऑफ अफ्रीका समूह बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में बायसन प्रतिस्थापन के कार्यक्रम में आवश्यक वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है।

बायसन प्रजाति के दीर्घकालीन संरक्षण के लिए देश में सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में शुरू की जा रही इस योजना के तहत जंगली भैंसों के परिवहन एवं पुर्नस्थापना के प्रशिक्षण के लिए एक दल दक्षिण अफ्रीका भी भेजा जा रहा है।

शाह ने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के पाँच वन अधिकारियों का एक दल दक्षिण अफ्रीका जाकर अध्ययन करेगा। इनमें बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र संचालक असीम श्रीवास्तव, कान्हा टाइगर रिजर्व के उपसंचालक शुभरंजन सेन, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के उपसंचालक ए.के. नागर, पशु चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता तथा भारतीय वन्य जीव संस्थान के डॉ. पराग निगम दक्षिण अफ्रीका जाएँगे।

उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में वन्य प्राणियों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण तथा पुर्नस्थापना एक नियमित प्रक्रिया के तहत होता है। इस कार्य के लिए दक्षिण अफ्रीका को पर्याप्त दक्षता एवं अनुभव प्राप्त है।

शाह ने अधिकारियों को बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में बायसन के पुर्नस्थापना पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्ष 1994 के पहले बायसन पाए जाते थे।

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