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भाजपा ने बताया जनोन्मुखी बजट

कांग्रेस ने कहा जनविरोधी

हमें फॉलो करें भाजपा ने बताया जनोन्मुखी बजट
भोपाल (वार्ता) , शुक्रवार, 10 जुलाई 2009 (14:48 IST)
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुक्रवार को प्रस्तुत किए गए बजट को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहाँ विकासोन्मुखी बताया वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे जन विरोधी और निराशाजनक निरुपित किया है।

नेता प्रतिपक्ष श्रीमती जमुना देवी ने कहा कि सदन में बजट प्रस्तुत करते समय अपेक्षित गंभीरता नहीं देखी गई। वित्त मंत्री राघवजी ने बजट में घिसे-पिटे पिटारे को एक बार फिर खोला है।

उन्होंने कहा कि बजट में प्रदेश के आम आदमी की चिंता नही की गई है। उच्च वर्ग के लोगों को राहत देने का कार्य किया गया है। केन्द्र की योजनाओं से मिलने वाली राशि का उपयोग राज्य की योजनाओं में शामिल कर श्रेय लेने का प्रयास किया गया है। श्रीमती जमुना देवी ने कहा कि वित्त मंत्री का यह कहना गलत है कि केन्द्र ने राज्य सरकार के लिए केन्द्रीय योजनाओं की राशि में कमी की है।

प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वित्त मंत्री ने वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर और विपरित परिस्थितियों के बावजूद बेहतरीन बजट प्रस्तुत किया है। बजट में आम आदमी की वस्तुओं पर कर नहीं लगाया गया है।

विजयवर्गीय ने कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं में राशि का आवंटन कम करने से राज्य सरकार पर अतिरिक्त भार बढ़ा है। साथ ही केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय योजनाओं के लिए राज्यांश में बढ़ोत्री की है जो विकास में बाधक है।

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री अजय सिंह ने कहा कि बजट बेहद निराशाजनक है। वास्तव में यह बजट न तो सत्तारूढ़ दल और न ही विपक्ष को रास आया है। उन्होंने कहा कि बजट में आवंटन बढ़ाने से विकास के कार्य नहीं होंगे। इसमें गुड गर्वनेंस की तरफ भी कोई ध्यान नही दिया गया है।

सिंह ने कहा कि बजट में बिजली संकट के समाधान और बिजली उत्पादन की दिशा में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है बल्कि केन्द्र की योजनाओं की राशि की हेराफेरी कर श्रेय लेने का प्रयास किया गया है।

वरिष्ठ भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह संतुलित बजट है और इसमें सभी वर्गो के हितों की चिंता की गई है। हालाँकि केन्द्र की योजनाओं में एक हजार करोड़ रुपए की कमी होना चिंता का विषय है।

पूर्व मंत्री कांग्रेस विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने कहा कि बजट में प्रदेश के किसानों के साथ वायदाखिलाफी की गई है। सड़कों की दुर्दशा में सुधार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में विद्युत आपूर्ति और बिजली उत्पादन की दिशा में सुधार के कोई प्रावधान नही किए गए है।

कांग्रेस विधायक सुश्री कल्पना परूलेकर ने कहा कि बजट पूरी तरह से जन विरोधी है। उन्होंने कहा कि बजट में वित्त मंत्री राघवजी की शेर शायरी के अलावा कोई वजनदारी वाली बात नही है। बजट में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में कोई कदम नही उठाए गए है।

पूर्व मंत्री भाजपा विधयक हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू ने कहा कि राज्य सरकार का बजट केन्द्र सरकार के बजट की तुलना में काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि बजट में आम आदमी विशेषकर गरीब वर्ग के हितों पर सर्वाधित ध्यान दिया गया है।

कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि बजट से समाज के सभी वर्गो विशेषकर गरीब तबके को काफी निराशा होगी। उन्होंने कहा कि बजट में शिक्षित बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वेट कर से दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दाम बढ़ने से महँगाई की मार निर्धन वर्ग पर पड़ेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि गौशालाओं को दान में दी जाने वाली कृषि भूमि पर स्टांप शुल्क माफ करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों पर देय मनोरंजन शुल्क की दर मनोरंजन के अन्य साधनों पर देय मनोरंजन शुल्क की तुलना में अधिक है। इस व्यवसाय को राहत देने के लिए सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों के लिए देय मनोरंजन शुल्क की दर घटा कर 20 प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में तीन करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी को देखते हुए विकास की गति बनाए रखने के लिए आवश्यक राजस्व संग्रहण में अन्य वर्गों के साथ साथ वाहन मालिकों का योगदान भी अपेक्षित है। मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम के तहत निजी उपयोग में आने वाली मोटर साइकिल, मोटरकारों में लागू होने वाले जीवनकाल कर की दर में दो प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। राज्य में इन वाहनों पर जीवनकाल कर की वर्तमान दर पाँच प्रतिशत के स्थान पर सात प्रतिशत रखा जाना प्रस्तावित है।

गौरतलब है कि राज्य में मोटर साइकिलों की यह दर वर्ष 1997 से अपरिवर्तित है तथा मोटरकारों के लिए भी यह दर वर्ष 2001 से परिवर्तित है। पुनरीक्षित दरों से वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त 55 करोड़ रुपए का राजस्व वृद्धि संभावित है।

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