Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भोज विवि में अब चाय घोटाला!

हजारों रुपए महीने की पी जाते हैं चाय

हमें फॉलो करें भोज विवि में अब चाय घोटाला!
भोपाल , गुरुवार, 30 अप्रैल 2009 (11:43 IST)
घोटालों की खान बन चुके भोज विश्वविद्यालय में चाय की चुस्कियों का स्वाद भी जुड़ गया है। विवि के अफसरों और कर्मचारियों ने चाय पीने के नए कीर्तिमान रच डाले हैं। सुनने में बात हैरतभरी भले ही लगे, पर है सोलह आना सच। पिछले कई महीनों से इस विवि में पचास हजार रुपए महीने केवल चाय के बिल के नाम पर खर्च किए जा रहे थे।

जब विवि में घोटाले पर घोटाले चल रहे हों तो चाय भी भला कैसे अछूती रह सकती है। जिनका जहाँ बस चला उसने वहाँ अपने अरमान ठंडे कर डाले। इस पूरे प्रकरण का दिलचस्प पहलू यह है कि कोई डेढ़ सौ अफसरों और कर्मचारियों वाले विवि में आधों को मुफ्त की सरकारी चाय की पात्रता नहीं है।

कई ऐसे भी हैं जो चाय से परहेज रखते हैं। कई मधुमेह से पीड़ित हैं। लेकिन कुछ आगंतुक भी होते हैं जिन्हें विवि से शिष्टाचार वश चाय पेश की जाती है। लेकिन महीने भर में पचास हजार की चाय पी जाती है, यह किसी के गले नहीं उतर रहा है। चाय की फिजूलखर्ची कमलाकर सिंह के कार्यकाल में ही ज्यादा बढ़ी है। अकेले कुलपति के दफ्तर का चाय खर्च पंद्रह हजार था।

बीते दिनों सवा लाख रुपए महीने का पानी पीकर विवादों में आए भोज विश्वविद्यालय में चाय की चुस्कियों में हुई गफलत अक्टूबर-2008 से तेजी से बढ़ी। यानी नए भवन में आने के बाद से गड़बड़ी शुरू हुई। विश्वविद्यालय में चाय की सबसे अधिक खपत कुलपति शाखा, प्रवेश व मूल्यांकन शाखा, रीजनल डायरेक्टर शाखा और विद्यार्थी सहायता शाखा में बताई जाती है।

भ्रष्टाचार सहन नहीं : कुलपति एसके सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। मैं सारे पुराने भुगतान बिना पड़ताल किए नहीं कर रहा हूँ। अभी तक चाय का मामला मेरे सामने नहीं आया है। वैसे चाय शिष्टाचार में मानी जाती है, लेकिन कहीं भी अति या गड़बड़ नहीं होनी चाहिए।-जितेंद्र चौरसिया

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi