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संगिनी की राह तक रहे हैं बाघ

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मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ इन दिनों संगिनी की तलाश में बेचैन हैं। लिहाजा इस संकटग्रस्त प्रजाति की आबादी बढ़ाने की मुहिम में जुटा वन विभाग दूसरे बाघ क्षेत्रों की मादाओं को पन्ना स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है।

मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीबी गंगोपाध्याय ने इंदौर में कहा कि आमतौर पर बाघों में नरों के मुकाबले मादाओं की संख्या ज्यादा देखी जाती है, लेकिन प्रदेश के पाँच टाइगर रिजर्व की बात करें तो केवल पन्ना में मादाओं की संख्या कम पाई गई है। बाकी जगहों पर बाघों के संसर्ग के लिए पर्याप्त मादाएँ मौजूद हैं।

गंगोपाध्याय ने कहा कि इन ‍स्थितियों में वन विभाग का विस्तृत अध्ययन जारी है और प्रदेश के दूसरे टाइगर रिजर्व (कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और सतपुड़ा) की बाघिनों को पन्ना भेजने पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंनें कहा कि बाघों के संसर्ग का मौसम विशिष्ट तौर पर चिन्हित नहीं किया जा सकता है, लेकिन हाँ, संसर्ग के ‍लिए इन्हें भी एकांत चाहिए। हमने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बात का खास ध्यान रखा जाए।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि 'टाइगर स्टेट' के रूप में मशहूर प्रदेश के जंगलों में फिलहाल करीब चार सौ बाघों (शावकों समेत) का बसेरा है।

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