इलाज :
सबसे पहले बच्चे को नाक-कान-गले के विशेषज्ञ के पास ले जाएँ और शारीरिक कारणों का पता लगाएँ।
अगर शारीरिक त्रुटियाँ हों तो उन्हें दूर करने का प्रयास करें।
घर और स्कूल में ऐसे बच्चों को बोलने के लिए प्रेरित करें।
बच्चे का मजाक न उड़ाएँ बल्कि प्रेम से पेश आएँ।
अगर बच्चे की याददाश्त कमजोर हो तो उसे विकसित करने के लिए क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
स्पीच थैरेपिस्ट, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट की सलाह से बच्चे के स्पीच का विकास करने का प्रयास करें।