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मां के व्यवहार पर निर्भर है शिशु का तेज दिमाग

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नई बनी मां कृपया ध्यान दें। क्या आप अपने लाडले से सकारात्मक सहयोग रखती हैं। यदि नहीं तो आज से अपने बच्चे के प्रति आप सहयोग की भावना रखें। ऐसा करने से आपके लाडले का दिमाग तेज रहेगा और जीवन भर तनाव से भी दूर रहेगा। यह बात हम नहीं बल्कि एक ताजा अध्ययन में कही गई है।

ॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक जो महिलाएं अपने नवजात बच्चे के प्रति ज्यादा शिष्ट रहती हैं उनके बच्चों के दिमाग के हिप्पोकेंपस क्षेत्र में ज्यादा नर्व कोशिकाएं बनती हैं जिससे बच्चे का दिमाग तेज होता है।

हिप्पोकेंपस का सीधा संबंध याददाश्त और भावना से होता है। हालांकि इस अध्ययन में यह साबित नहीं हो सका कि मां के व्यवहार से बच्चे का ब्रेन साइज बाद में बड़ा होता है लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि मां का बच्चे के प्रति सकारात्मक व्यवहार ब्रेन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं ने 92 बच्चों पर प्री-स्कूल से लेकर ग्रेड स्कूल तक अध्ययन किया।

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अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बच्चों पर माता-पिता के सहयोग के स्तर का विश्लेषण किया। इसमें 7 से 13 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया था। बच्चों को एक टास्क पूरा करने के लिए कहा गया। बच्चों के माता-पिता को इस अध्ययन के बारे में नहीं बताया गया था। इसके बाद बच्चों का ब्रेन स्कैन किया गया। अध्ययन में देखा गया कि जिन बच्चों के माता-पिता ने ज्यादा सहयोगात्मक दृष्टिकोण रखा उनमें तनाव का स्तर एकदम कम था। इसके अलावा इन बच्चों में हिप्पोकेंपस भी बड़ा देखा गया।

अध्ययन में हालांकि यह भी देखा गया कि जिन बच्चों में पहले से तनाव के संकेत थे उनमें माता-पिता के इस सहयोग का ज्यादा असर नहीं पड़ा। प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर जॉन लुबी के अनुसार इस असर का महत्व यह है कि ब्रेन के हिप्पोकेंपस में याददाश्त, भावनाओं का नियमन और तनाव का स्तर जुड़ा होता है। इसमें स्वस्थ सामाजिक मेलजोल की कुंजी छुपी है। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से शुरुआती माता-पिता के व्यवहार को सहयोगात्मक बनाने में मदद मिलेगी।

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