2013 तक 77 करोड़ मोबाइलधारक
नए प्रतियोगियों के आने से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा
नई दिल्ली। भारत में 2013 तक मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 77 करोड़ 10 लाख हो जाएगी।
अनुसंधान फर्म गार्टनर की गुरुवार को यहाँ जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल कंपनियों के अपना नेटवर्क ग्रामीण क्षेत्रों में ब़ढ़ाने की वजह से भारत इस क्षेत्र का दुनिया में सर्वाधिक तेजी से ब़ढ़ने वाला मोबाइल बाजार बन गया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के आँक़ड़ों के अनुसार गत अप्रैल के अंत तक भारत में मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की संख्या 40 करोड़ 3 लाख 66 हजार हो गई। रिपोर्ट के अनुसार चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उपभोक्ता वाला देश बना रहेगा। मोबाइल सेवा राजस्व में मिश्रित वार्षिक वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इसके 2009 से 2013 तक 30 अरब डॉलर से अधिक हो जाने की संभावना है।
गार्टनर के विश्लेषक मधुसूदन गुप्ता ने बताया कि सस्ती कॉल दरें और सस्ते हैंडसेट भारत में मोबाइल सेवा की वृद्धि में बहुत सहायक हो रहे हैं। भारती एयरटेल और रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए छोटे कस्बों और गाँवों में अपना नेटवर्क और दूरसंचार टॉवर स्थापित कर रहे हैं।
हालाँकि गार्टनर ने प्रति उपभोक्ता राजस्व में कमी की उम्मीद जताई है। उसका कहना है कि नए उपभोक्ता सामान्यतः फोन पर कम बातें करते हैं और कुछ तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल सिर्फ कॉल का जवाब देने के लिए ही करते हैं।
गार्टनर के अनुसार नए दूरसंचार ऑपरेटरों के आने से कॉल दरों में इस वर्ष और कमी आने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मोबाइल फोन बाजार पर प्रीपेड ग्राहकों का ही वर्चस्व है। वर्ष 2008 में कुल मोबाइल फोन कनेक्शन में प्रीपेड कनेक्शन 93 प्रतिशत से अधिक थे।