यदि आपको प्राकृतिक स्थानों की सैर करने में आनंद आता है तो ऊटी से अच्छी जगह आपके लिए कोई और नहीं। यहां दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां आपको बांधकर रख लेती हैं।
पहाड़ों की रानी ऊटी - नीलगिरी जिले की राजधानी है, इसे उद्गमंडल के नाम से भी जाना जाता है। नीलगिरी का अर्थ है- नीला पहाड़, शायद हरे-भरे पहाड़ों के कारण इसे यह नाम दिया गया है। यह समुद्र तल से 2240 मीटर की ऊंचाई पर है।
जब आप कल्लार से कुनूर जाते हैं तो आपको रास्ते में पेड़-पौधों में तथा मौसम में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिलता है। आपको कल्लार में गरम मौसम मिलेगा तो उससे आगे गरमी हल्की होती चली जाती है। कुनूर के पास चीड़, नीली गोंद, साइप्रस (सुरू) वृक्षों के कारण जलवायु में नमी महसूस होती है।
जैसे ही ऊटी से गुडलूर की तरफ बढ़ते हैं तो वनस्पतियों को देखकर आपके मन में हर्ष की हिलोरें उठने लगती हैं। यही है प्रकृति के सान्निध्य का आनंद! जलवायु और वनस्पति मिलकर एक खूबसूरत मंजर पेश करते हैं। यहां के चाय बागानों ने बहुत ख्याति पाई है। यहां हर वर्ष चाय और पर्यटन उत्सव में भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
यहां पर क्या देखें :-