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‘यूथ मार्च’ का प्रकाशन करेगी युवक कांग्रेस

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नई दिल्ली (भाषा) , शनिवार, 1 अगस्त 2009 (18:46 IST)
कांग्रेस के युवा सदस्य इस महीने से युवक कांग्रेस के मुखपत्र ‘यूथ मार्च’ का प्रकाशन शुरू कर रहे हैं, जिसमें राहुल गाँधी अहम भूमिका निभाएँगे।

देश के युवाओं की ओर हाथ बढ़ाने की एक कोशिश के तहत भारतीय युवक कांग्रेस की हिंदी में मासिक पत्रिका ‘युवा प्रगति’ और अंग्रेजी में ‘यूथ मार्च’ का प्रकाशन शुरू करने की योजना है।

युवक कांग्रेस के प्रमुख अशोक तँवर ने कहा कि इस पत्रिका का पहला संस्करण इसी महीने प्रकाशित होगा। पत्रिका ऐसे समय शुरू की जा रही है जब युवक कांग्रेस के सदस्यों की संख्या करीब दो करोड़ हो गई है।

क्या पत्रिका में पार्टी नेता राहुल गाँधी के संदेश भी होंगे, जिन्हें कांग्रेस युवाओं के प्रतीक के रूप में आगे बढ़ा रही है, इस पर तँवर ने सिर्फ इतना ही कहा कि प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ‘कांग्रेस संदेश’ के जरिये अपने कार्यकर्ताओं को हर महीने संदेश देती हैं। पार्टी का मुखपत्र निकालने का मूल विचार कांग्रेस प्रमुख का ही है और इसका बीते एक दशक से प्रकाशन किया जा रहा है।

जब से कांग्रेस महासचिव राहुल को युवक कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का प्रभार दिया गया है, तब से युवा इकाई को विशेष महत्व मिल रहा है।

राहुल युवक कांग्रेस में सीधे चुनाव कराने की पैरवी कर रहे हैं और उन्होंने पंजाब में इस तरह के चुनाव सफलतापूर्वक कराने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह तथा चुनाव आयोग के पूर्व पर्यवेक्षक केजे राव की मदद ली थी। गुजरात और तमिलनाडु में भी युवक कांग्रेस के पदों के लिए सीधे चुनाव कराए गए हैं। इस क्रम में अगली बारी पुडुचेरी की है।

युवक कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पत्रिका का प्रकाशन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तरप्रदेश और बिहार को संगठन स्तर पर विभिन्न जोन में बाँटने के प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में हो रहा है। यह प्रस्ताव न सिर्फ पार्टी की सदस्यता बढ़ाने के लिए, बल्कि संगठनात्मक पदों के लिए सीधे चुनाव कराने को लेकर भी है।

राहुल के पहले से सक्रिय होने वाले रूख के चलते हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में युवक कांग्रेस को 20 से अधिक टिकट मिले और इनमें से युवा उम्मीदवारों ने एक दर्जन से अधिक सीटें जीतीं।

लोकसभा चुनाव से पहले हुई कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक में राहुल ने युवाओं को अधिक टिकट देने की पैरवी विशेषकर उन क्षेत्रों के लिए की थी, जहाँ कांग्रेस अच्छी स्थिति में नहीं थी। ताकि युवा नेताओं को चुनाव लड़ने का तजुर्बा मिले और जनता को नया चेहरा देखने को मिले।

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