Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

देश की सच्ची तस्वीर दिखाती है स्लमडॉग-फर्नांडिस

हमें फॉलो करें देश की सच्ची तस्वीर दिखाती है स्लमडॉग-फर्नांडिस
इंदौर (भाषा) , बुधवार, 28 जनवरी 2009 (20:34 IST)
केंद्रीय श्रम मंत्री आस्कर फर्नांडिस भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप के उपन्यास 'क्यू एंड ए' को देश की झुग्गी बस्तियों के हालात की असली तस्वीर मानते हैं।

उन्होंने कहा है कि पुरस्कार विजेता उपन्यास झुग्गी बस्तियों की हकीकत से रूबरू कराता है। भले ही कोई इस हकीकत को कबूल करे या नकार दे। फर्नांडिस ने साफ किया कि उन्होंने स्वरूप की किताब पर आधारित मशहूर फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर अब तक नहीं देखी है।

गौरतलब है फिल्म ने इन दिनों देश में शहरी चकाचौंध के साये में पलती गरीबी को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। फर्नांडिस ने आज इंदौर में कहा आपको बता दूँ कि मैंने वह किताब क्यू एंड ए पढ़ी है और इस पर फिल्म बनने से पहले पढ़ी है। यकीन जानिए किताब का हर पन्ना इतना रोचक है कि मैं पलक झपकाए बगैर इसे लगातार पढ़ता चला गया।

कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने यहाँ आए केंद्रीय श्रम मंत्री ने मीडिया से कहा हो सकता है कि यह फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर विदेशी निर्देशक ने बनाई है, लेकिन फिल्म जिस किताब पर आधारित है, वह एक भारतीय राजनयिक की कलम से ही निकली है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में जोर देकर कहा किताब देश की झुग्गी बस्तियों के हालात की असली तस्वीर पेश करती है। आप चाहे इसे मानिए या नकारिए। आप चाहे इसकी आलोचना कीजिए या इसे देश के सम्मान से जोड़ दीजिए। यह एक सचाई है।

फर्नांडिस ने कहा किताब पढ़ने के बाद आपको पता चलता है कि देश की किसी झुग्गी बस्ती में लोग किस तरह गुजर-बसर करते हैं और वहाँ जिंदगी कैसे आगे बढ़ती है।

स्लगडॉग मिलियनेयर ब्रिटिश फिल्मकार डैनी बायल ने निर्देशित की है। यह मुंबई की झुग्गी बस्ती में रहने वाले एक लड़के की कहानी है, जो कौन बनेगा करोड़पति प्रतियोगिता में पहुँचकर बड़ी इनामी रकम जीतने में कामयाब होता है। फिल्म को चार गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। इसे दस श्रेणियों में ऑस्कर के लिए नामांकित भी किया गया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi