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आतंकवाद की लड़ाई में अगुआ बने भारत-मोदी

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नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 6 जनवरी 2009 (22:04 IST)
सरकार के आतंकवाद निरोधक कानून को कमजोर और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी कानून में खामियों की ओर इशारा करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत को मुहिम तेज करते हुए दुनिया में आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व करना चाहिए।

आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन से इतर बातचीत में नरेन्द्र मोदी ने कहा केंद्र सरकार को पाकिस्तान के कारनामों को दुनिया के सामने पुरजोर तरीके से उजागर करना चाहिए। देश में आतंकवाद से निपटने के लिए कठोरतम कानून बनाने की सख्त जरूरत है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को सिरे से नकारा : केंद्र द्वारा अस्तित्व में लाई गई राष्ट्रीय जाँच एजेंसी और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानूनन (युएपीए) को मोदी ने सिरे से नकार दिया। अपनी बात को उन्होंने इस तरह समझाया-

*राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के कामकाज की जो रूपरेखा निर्धारित की गई है, उसकी प्रक्रिया से जाँच में अनावश्ययक रूप से देरी होगी। इसे दूर नहीं किया गया तो एजेंसी का मखौल उड़ेगा।

*एजेंसी की जो रूपरेखा तैयार की गई है, उसमें सबसे पहले मामले की जानकारी पुलिस थाने से होते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक के पास आएगी और फिर राज्य सरकार इसे केंद्र के पास भेजेगी और फिर 15 दिनों में केंद्र सरकार यह तय करेगी कि इसकी जाँच एनआईए करेगी या नहीं।

*एनआईए के कामकाज से जुड़ी इस प्रक्रिया के कारण अनावश्यक रूप से समय की बर्बादी होगी।

*अगर हम आधे-अधूरे मन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का निर्णय करते हैं तो हम कभी सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि पोटा की तुलना में संशोधित यूएपीए में भी जमानत देने के प्रावधानों को और हलका कर दिया गया है। इससे आतंकवादियों को जमानत लेने में सुविधा होगी।

गुजरात की मिसाल : मोदी ने कहा गुजरात सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम के तहत राज्य में फॉरेंसिक साइंस लैब कस्थापना की है, जो दुनिया में अपने तरह की अकेली लैब है।

सरकार को सलाह : आतंकवाद से निपटने के लिए राज्यों द्वारा तैयार कानूनों को भी मंजूरी मिलना चाहिए। देश की समुद्र तटीय सुरक्षा को पुख्ता बनाने के साथ खुफिया जानकारी एकत्र करने और इस पर सटीक अमल की प्रक्रिया को नियोजित किए जाने की सख्त जरूरत है।

केंद्र पर साधा निशाना : मुख्यमंत्रियों की बैठक में मोदी ने कहराष्ट्रीय जाँच एजेंसी का गठन किया जाना देश की संघीय भावना के खिलाफ होने के साथ राज्यों को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई से अलग-थलग करने का प्रयास है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) का गठन कर केन्द्र सरकार ने यह मंशा जाहिर कर दी है कि वह राज्यों को हाशिए पर डालकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की जिम्मेदारी स्वयं लेना चाहती हैइस व्यवस्था के हमारी संघीय भावना के विरुद्ध होने के बावजूद मैं कामना करता हूँ कि केंद्र अपनी इस नई भूमिका में पूरी तरह सफल रहे।

पोटा जैसे कानून की माँग करने में सबसे आगे रहे मोदी ने कहा कि हाल ही में संसद द्वारा गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) में किए गए संशोधन से यह कानून और कमजोर ही हुआ है।

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