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आधी महिलाएँ अभी भी निरक्षर-मनमोहन

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नई दिल्ली (भाषा) , मंगलवार, 8 सितम्बर 2009 (22:44 IST)
साक्षरता और खासकर महिला साक्षरता अभियान को तेज किए जाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने मंगलवार को कहा कि महिलाओं की आधी तादाद अभी भी लिख-पढ़ नहीं सकती, जो देश के विकास में रुकावट है।

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प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर यहाँ ‘साक्षर भारत अभियान’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत की एक तिहाई आबादी अभी भी निरक्षर बनी हुई है। महिलाओं की आधी तादाद अभी भी लिख-पढ़ नहीं सकती। भारत में निरक्षरों की तादाद दुनिया के सभी देशों से सबसे ज्यादा है। सिंह ने कहा कि कई पर्यवेक्षकों का मानना है कि आर्थिक क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे का विकास और सामाजिक क्षेत्र में महिला साक्षरता दो ऐसी खास बातें हैं, जो भारत के उच्च और सतत विकास में रुकावट है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से भारत को साक्षर बनाने की दिशा में अच्छी प्रगति हुई है। 1950 में जहाँ मात्र 18 प्रतिशत लोग साक्षर थे वहीं 2001 में 65 प्रतिशत आबादी साक्षर है। उन्होंने कहा कि लेकिन अभी हमें एक लंबा सफर तय करना है। उन्होंने कहा कि निरक्षरता की स्थिति विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति अल्पसंख्यक समुदाय और वंचित वर्गों के बीच बने रहना हमारे लिए चुनौती है, जिसका हमें सीधे सामना करना है।

उन्होंने कहा कि हमें अपने देश को पूर्ण साक्षर बनाना है और सरकार देश के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी।

इस मौके पर आयोजित समारोह में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डी. पुरंदरेश्वरी और केन्द्रीय स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अंशु वैश ने भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय महिला कोष को पुनर्गठित और अधिक मजबूत बनाकर स्व-सहायता समूह आंदोलन का विस्तार किया जाएगा और साथ ही घोषणा की कि एक राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण मिशन का गठन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इस साल संसद के संयुक्त अधिवेशन में अगले पाँच वर्ष के भीतर देश की प्रत्येक महिला को साक्षर बनाने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन को पुनर्गठित करने की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू किया जा रहा साक्षर भारत मिशन साक्षरता के प्रति उनकी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करता है। यह मिशन साक्षरता के स्तर को बढ़ाएगा और विशेषकर महिलाओं में चरणबद्ध तरीके से सारक्षता को फैलाता जाएगा। इस मिशन को देश के चुने हुए 365 जिलों की एक लाख सत्तर हजार ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा, जहाँ साक्षरता और खासकर महिला साक्षरता की दर काफी कम है।

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