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आरुषि हत्याकांड: न्यायालय में याचिका

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नई दिल्ली , रविवार, 13 दिसंबर 2009 (16:29 IST)
उच्चतम न्यायालय में दायर हुई एक याचिका में सीबीआई को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि आरुषि तथा उसके नौकर हेमराज की हत्या की जाँच कर रहे अधिकारियों का न तो तबादला किया जाए और न ही उन्हें उनके मूल विभागों में वापस भेजा जाए।

अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीबीआई दबाव के चलते अपने कई जाँच अधिकारियों का तबादला कर रही है जिससे जाँच प्रभावित हो रही है।

वकील ने इससे पहले एक याचिका दायर कर शीर्ष अदालत से आग्रह किया था कि वह सीबीआई द्वारा की जा रही जाँच पर नजर रखे।

एक पूर्व की घटना के जिक्र के साथ याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई ने 16 नवम्बर 2004 को खुद शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर यह निर्देश माँगा था कि करोड़ों रुपए के तेलगी स्टाम्प पेपर घोटाले की जाँच कर रहे उसके अधिकारियों का न तो तबादला किया जाना चाहिए और न ही उन्हें उनके मूल विभागों में वापस भेजा जाना चाहिए।

अग्रवाल ने आग्रह किया कि ऐसा ही निर्देश आरुषि मामले में भी दिया जाए कि जब तक जाँच पूरी न हो तब तक सीबीआई के जाँच अधिकारियों का न तो तबादला किया जाए और न ही उन्हें उनके मूल विभागों में वापस भेजा जाना चाहिए।

न्यायालय द्वारा इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई किए जाने की संभावना है।

सीबीआई ने पूर्व में एक बंद लिफाफे में जाँच के संबंध में न्यायालय को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। ऐसा इस आरोप के मद्देनजर किया गया कि असली आरोपी को बचाने के लिए आरुषि का योनि स्राव बदल दिया गया। दंत चिकित्सक दंपती की बेटी आरुषि और उसके नौकर हेमराज की नोएडा में उनके घर पर 16 मई 2008 को रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या हो गई थी। (भाषा)

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