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क्या चुनाव आयोग लोगों के हाथ भी कटवाएगा?

'माया और हाथी' हटाने पर बसपा का सवाल

हमें फॉलो करें क्या चुनाव आयोग लोगों के हाथ भी कटवाएगा?
लखनऊ , शनिवार, 7 जनवरी 2012 (22:10 IST)
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बसपा ने चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर राज्य में जगह-जगह लगी मुख्यमंत्री मायावती और बसपा के चुनाव निशान हाथी की मूर्तियों को ढकने के निर्वाचन आयोग के आदेश को एकतरफा करार देते हुए उस पर सवाल खड़े किए।

मायावती के करीबी सहयोगी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि चूंकि आयोग ने मूर्तियों के मामले पर फैसला देने से पहले हमारा पक्ष नहीं सुना इसलिए मीडिया के माध्यम से हम आयोग के सामने कुछ सवाल रखना चाहते हैं। शायद हमें इनके जवाब नहीं मिलेंगे लेकिन जनता चुनाव में बसपा के पक्ष में वोट डालकर इसका जवाब देगी।

उन्होंने कहा कि सपा का चुनाव निशान साइकिल है तो क्या आयोग किसी व्यक्ति को साइकिल लेकर निकलने से रोकेगा? इसके अलावा हाथ का पंजा कांग्रेस का चुनाव निशान है तो क्या आयोग हर व्यक्ति को अपने हाथ ढंकने या कटवाने के लिए कहेगा?

बसपा नेता ने कहा कि पंजाब में भी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। उसकी राजधानी चंडीगढ़ के एक पार्क में 45 फीट उंचा 50 टन का हाथ का पंजा लगाया गया है। इसके अलावा हवाई अड्डे पर भी बड़े-बड़े पंजे लगे हैं। हम आयोग से पूछते हैं कि क्या आयोग पार्क में तथा एयरपोर्ट पर लगे पंजों को ढकवाएगा? अगर नहीं तो क्यों नहीं?

उन्होंने कहा कि इसी तरह लगभग 150 केन्द्रीय योजनाएं गांधी परिवार के नाम से चल रही हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों में जवाहर लाल नेहरू, संजय गांधी, सरोजिनी नायडू तथा अन्य कांग्रेसी नेताओं की मूर्तियां लगी हैं। इन नेताओं के नाम से अनेक इमारतें और सड़कें हैं। इस बारे में भी आयोग के रुख को जनता देखना चाहेगी।

मायावती के करीबी सहयोगी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि चुनाव आयोग ने दलित विरोधी मानसिकता वाली विपक्षी पार्टियों के कथनों को स्वीकार करके बसपा का पक्ष जाने बगैर मूर्तियां ढकने का एकतरफा आदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि दलित विरोधी मानसिकता वाली पार्टियों (कांग्रेस, भाजपा, और सपा) द्वारा दिए गए एकतरफा कथनों को स्वीकार करते हुए आयोग ने यह निर्देश दिए हैं। बसपा का पक्ष सुने बगैर दिये गये इस आदेश से संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन हुआ है।

मिश्र ने कहा कि बसपा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उनके साथियों से यह उम्मीद तो करती ही थी कि वे चुनाव प्रक्रिया पूर्णतया निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराएंगे लेकिन उनके इस आदेश से बसपा को धक्का लगा है। साथ ही उसके फैसले से बहुत बड़ा प्रश्न भी खड़ा हो गया है।

बसपा नेता ने आयोग के फैसले के औचित्य और व्यावहारिकता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, नार्थ ब्लाक, साउथ ब्लाक के सभी खम्भों तथा लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर हाथी बना हुआ है, ऐसे में क्या लोकसभा चुनाव में आयोग इन स्थानों को भी ढकवाएगा?

गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने दोपहर में संवाददाताओं से कहा था कि चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर राज्य में विभिन्न स्थानों पर लगी मुख्यमंत्री मायावती तथा हाथी की मूर्तियों को ढका जाएगा। (भाषा)

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