Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या होता है क्रेडिट रेटिंग गिरने से?

- वेबदुनिया डेस्क

हमें फॉलो करें क्या होता है क्रेडिट रेटिंग गिरने से?
अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटने और यूरोपीय कर्ज संकट का असर न केवल अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में बल्कि एशियाई शेयर बाजारों में भी दिखना शुरू हो गया है। गौरतलब है कि एशियाई देशों ने बड़े पैमाने पर अरबों डॉलर अमेरिका में निवेश किया हुआ है।

अमेरिकी राजकोषीय आकंड़ों के अनुसार फिलहाल 'अमेरिकी कर्ज बोझ' 15 हजार अरब डालर के करीब पहुंच चुका है जिसमें से साढ़े चार हजार अरब डालर उसे विदेशी कर्ज के रूप में हैं। दुनिया के कई देशों सहित भारत ने भी अमेरिका को कर्ज दे रखा है।

इस तरह अमेरिका को कर्ज देने वाले 15 सबसे बड़े देशों में भारत 14वें नंबर पर है। सबसे ज्यादा चीन कर्ज चीन ने 1.15 बिलियन डॉलर का कर्ज दे रखा है। अमेरिका ने अपनी आर्थिक नीति के तहत कर्ज लेने की एक सीमा तय की थी लेकिन वर्तमान में अमेरिका पर उस तय सीमा से कहीं अधिक कर्ज का बोझ है।

इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय साख निर्धारक संस्था स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने 95 साल में पहली बार दुनिया की 'सबसे बड़ी और ताकतवर' अर्थव्यवस्था अमेरिका की ‘एएए’ रेटिंग खत्म कर इसे एए+ (प्लस) कर दी है। एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में और गिरावट हो सकती है।

आखिर क्या होता है रेटिंग गिरने से: दरअसल सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के निर्देश अनुसार कि सरकारी नियंत्रण वाले निवेश संस्थान केवल ऊंची रेटिंग वाली कंपनियों में ही निवेश कर सकते हैं। इस लिए जिन कंपनियों या देशों की रेटिंग नीचे गिरती है, उनके लिए बहुत बड़ी दिक्कत खड़ी हो जाती है। स्वभाविक तौर पर बड़ी निवेश कंपनियां रेटिंग कम होने पर अपने निवेशों को बड़े पैमाने पर निकालना या बेचना शुरू करती है जिससे उनके बांड की कीमत लगातार कम होती जाती है फलस्वरूप उनको मिलने वाले कर्ज पर ब्याज दर बढ़ती जाती है।
WD
WD


हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi