अभियान के प्रमुख लक्ष्यों के सफलता से पूरा होने के बाद चंद्रयान-प्रथम अंतरिक्ष यान की कक्षा को बढ़ाकर अब 200 किलोमीटर कर दिया गया है, ताकि चंद्रमा का और गहन अध्ययन किया जा सके। सन् 2008 से यह चाँद की सतह से 100 किलोमीटर की ऊँचाई पर था।
कक्षा में बढ़ोतरी का काम मंगलवार को भारतीय समयानुसार सुबह नौ बजे से दस बजे के बीच किया गया। इसरो के मुताबिक इस ऊँचाई पर अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा के गुरुत्व क्षेत्र में बदलाव और कक्षा के व्यतिक्रम पर अधिक अध्ययन कर सकेगा। साथ ही चाँद की सतह के व्यापक स्तर की तस्वीरें ली जा सकेंगी।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र एसएचएआर से पिछले साल 22 अक्टूबर को चंद्रयान-प्रथम को पीएसएलवी सी-11 से छोड़ा गया था और आठ नवम्बर को यह कक्षा में स्थापित हो गया था।
पिछले सात माह में चंद्रयान-प्रथम में मौजूद सभी 11 पेलोड ने सफलता से काम करना शुरू कर दिया और बेहतरीन गुणवत्ता वाले डाटा एकत्रित किए गए।
संगठन के मुताबिक भारत के वैज्ञानिक समुदाय और अन्य भागीदार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ डाटा का विश्लेषण कर रही हैं और कई रोचक परिणाम हासिल हो भी चुके हैं।