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चुनावी स्टंट, बिहार को मिलेगा पिछड़े राज्य का दर्जा

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, मंगलवार, 26 मार्च 2013 (11:47 IST)
नई दिल्ली। यूपीए सरकार ने 2014 के चुनाव के पूर्व तुरूप का पत्ता फेंका है। उसने एक तीर से कई निशाने साधे हैं, जहां उसने नीतीश को लुभाने का प्रयास किया है वहीं उसने ममता बनर्जी और नवीन पटनायक को खुश करने की चाल चली है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार केंद्र सरकार 2014 को होने वाले आम चुनाव के पूर्व बिहार को पिछड़े राज्य का दर्जा देने की घोषणा कर सकती है। इससे बिहार को 6 से 7 हजार करोड़ का फायदा होगा। इसके साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़ीसा के कुछ इलाकों को भी पिछड़े वर्ग की सीमा में लिया जाएगा।

इस सीमा या मानक के तहत बिहार के साथ साथ झारखंड, पश्चिम बंगाल, केरल, छत्तीसगढ़ तथा उत्तराखंड व राजस्थान के कुछ हिस्से भी केंद्र से अनुदान के पात्र हो जाएंगे। केंद्र बिहार सहित अन्य पिछड़े राज्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकता है, लेकिन उसने विशेष दर्जा देने की संभावना को लगभग खारिज कर दिया है।

नीतीश कुमार के बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सरकार ने यह कदम उठाया है। नीतीश कुमार ने 17 मार्च को नई दिल्ली में अधिकार रैली आयोजित कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी।

चुनाव के पूर्व केंद्र सरकार बैकवर्ड स्टेट की शर्तों में बदलाव करके बिहार में नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल में ममता, ओड़ीसा में नवीन पटनायक को खुश कर सकती है। दूसरी ओर ऐसा करके वह छत्तीसगढ़, राजस्थान और केरल में अपनी स्‍थिति मजबूत कर सकती है।

बैकवर्ड स्टेट की शर्तों में बदलाव करके उक्त राज्यों के कुछ इलाकों को पिछड़े वर्ग की योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। इससे पिछड़ा वर्ग का वोट उसके खाते में चला जाएगा।

सरकार ऐसा करके एनडीए को कमजोर कर अगले चुनाव में जीत का लक्ष्य बनाएगी। यदि नीतीश कुमार यूपीए के साथ नहीं भी रहते हैं तो एनएडीए के साथ नहीं रहकर भी यूपीए को फायदा पहुंचा सकते हैं। (एजेंसी)

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