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जनरल वीके सिंह को नहीं मिलेगी सुरक्षा

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नई दिल्ली , गुरुवार, 27 दिसंबर 2012 (00:54 IST)
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सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह का समूचा सुरक्षा घेरा वापस लेने का फैसला किया है। सिंह भ्रष्टाचार, दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और अन्य मुद्दों पर कई प्रदर्शनों में भाग लेते रहे हैं।

सेना के सूत्रों ने यहां बताया कि पूर्व सेना प्रमुख को 30 नवंबर तक जैड ‘प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय को फैसले से अवगत कराए जाने के बाद यह सिंह की सुरक्षा से बुलेट प्रूफ कार सहित सभी वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया में है।

सूत्रों ने कहा कि सिंह की सुरक्षा में हर समय सात वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। गत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह को 30 नवम्बर तक जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और रक्षामंत्री एके एंटनी से नौ महीने और सरकारी आवास में रहने की अनुमति मांगे जाने के बाद उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में रहने की अनुमति मिली थी।

रक्षामंत्री एके एंटनी से नौ महीने और सरकारी आवास में रहने की अनुमति मांगे जाने के बाद उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में रहने की अनुमति मिली थी। दिल्ली पुलिस ने 16 दिसंबर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए प्राथमिकी में सिंह का नाम भी दर्ज किया है।

अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सिंह विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना करने लगे और उन्होंने काले धन के मुद्दे पर योग गुरु रामदेव तथा लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे का मंच साझा किया। सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर उन्होंने हाल में कहा था कि व्यवस्था ‘पूरी तरह बेनकाब और पंगु’ हो गई है तथा कार्रवाई करने में विफलता के चलते एक नहीं, बल्कि सैकड़ों बेटियों के शिकारियों के जाल में फंस जाने का खतरा है।

नवंबर के अंत में उन्होंने संसद भंग करने का भी आह्वान किया था तथा उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में इसके घेराव की बात कही थी। अपने कार्यकाल के शेष कुछ महीनों में वे अपनी जन्मतिथि के निजी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले पहले सेना प्रमुख बन गए। (भाषा)

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