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दिल्ली दहलाने की साजिश, आतंकी पकड़ा...

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 मार्च 2013 (19:57 IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने उत्तरप्रदेश में हिज्बुल मुजाहिदीन के एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार कर और यहां एक गेस्ट हाउस से विस्फोटक, ग्रेनेड और एक एके-56 राइफल बरामद करके होली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में फिदायी हमला करने की साजिश को शुक्रवार को विफल कर दिया।

विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के निवासी सैयद लियाकत शाह को दो दिन पहले गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था। उसे नेपाल से भारत में प्रवेश करने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया। वह कराची से नेपाल भाग गया था।

उन्होंने बताया, शाह की गिरफ्तारी से दिल्ली में एक फिदायी (आत्मघाती) हमले को संभवत: टाल दिया गया है। शाह 1997 में पाक अधिकृत कश्मीर चला गया था। वहां उसे प्रशिक्षण दिया गया था और वह आत्मसमर्पण कर चुका आतंकवादी नहीं है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली में 2001 से 2013 के बीच हिज्बुल का यह 18वां मोड्यूल है जिसे ध्वस्त किया गया है और अब तक 28 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले मोड्यूल को 2011 में ध्वस्त किया गया था।

शाह से पूछताछ के बाद मध्य दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में एक गेस्ट हाउस पर छापा मारा गया। वहां एक संपर्क सूत्र कथित तौर पर आतंकवादी की प्रतीक्षा कर रहा था। यद्यपि संपर्क सूत्र को गिरफ्तार नहीं किया जा सका, लेकिन पुलिस ने दावा किया कि उसने एक एके-56 राइफल, तीन हथगोले, 220 ग्राम विस्फोटक, एक मेमोरी कार्ड और सूखे मेवे बरामद किए।

श्रीवास्तव ने दावा किया कि शाह ने उन्हें बताया कि जनवरी में हुई मुत्तहिदा जिहाद काउंसिल की बैठक में दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी हमला करने और 26 जनवरी को काला दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया।

उन्होंने दावा किया, (हिज्बुल के स्वयंभू) वरिष्ठ कमांडरों गाजी नसरूद्दीन और फारूक कुरैशी ने शाह से कहा कि उसे भर्ती किए गए (फिदायी आत्मघाती हमलावरों) की निगरानी के लिए चुना गया है, जो दिल्ली में असाधारण आत्मघाती हमला करेंगे।

अधिकारी ने दावा किया कि शाह से हमले के बाद कथित तौर पर कश्मीर लौटने और नए उग्रवादियों को ढूंढने को कहा गया था। श्रीवास्तव ने कहा कि शाह ने उनसे कहा कि उसे स्वयंभू वरिष्ठ कमांडरों ने निर्देश दिया था कि वह आगे का निर्देश पाने के लिए गेस्ट हाउस में एक व्यक्ति से मिले।

दिल्ली अभियान के संबंध में उन्होंने दावा किया कि शाह ने नेपाल पहुंचने के लिए एक पाकिस्तानी पासपोर्ट हासिल किया और जब वह और उसका परिवार भारत में प्रवेश करें तो इसे नष्ट करने का निर्देश दिया गया था ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि पाकिस्तान के साथ उसके संबंध को जोड़ने के लिए कोई सबूत नहीं रहे। वह विमान से कराची से काठमांडो पहुंचा और उसके बाद सोनौली सीमा चौकी को उसने पार किया।

श्रीवास्तव ने कहा, उसके आकाओं ने उससे यह भी कहा कि हमले के लिए साजो-सामान अन्य आतंकवादी कश्मीर सीमा के जरिए भारत पहुंचा चुके हैं और उसे उसके रहने के लिए दिल्ली में जो व्यवस्था की जाएगी, वहां उपलब्ध करा दिया जाएगा।

श्रीवास्तव ने कहा, उसका काम सर्वश्रेष्ठ संभव लक्ष्य को चुनकर अमलीजामा पहुंचाई जा सकने वाली योजना तैयार करने की थी, जहां अधिकतम लोगों को हताहत किया जा सकता है और जल्द कार्यकर्ताओं के निष्प्रभावीकरण की गुंजाइश कम हो। शाह आतंकवाद की दुनिया में 1993 में आया था और साल 2011 में कश्मीर के एक मामले में वांछित था।

यह पूछे जाने पर कि क्या जिस आतंकवादी हमले की योजना बनाई गई, वह संसद भवन हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में थी तो इस पर उन्होंने कहा कि जिहाद काउंसिल की बैठक जनवरी में हुई थी और वे यहां आतंकवादी हमला करने की योजना बना रहे थे। जब इस बात का इशारा किया गया कि अफजल को फांसी बाद में दी गई तो अधिकारी ने कहा कि निर्देश बाद में दिए गए। (भाषा)

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