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पक्षपात के शिकार हैं मुस्लिम-शबाना

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नई दिल्ली (भाषा) , शनिवार, 16 अगस्त 2008 (22:25 IST)
देश की राजव्यवस्था पर जोरदार हमला बोलते हुए फिल्म अभिनेत्री से सामाजिक कार्यकर्ता बनीं शबाना आजमी ने इसके मुस्लिमों के प्रति पक्षपातपूर्ण होने और वास्तविक मसलों को उठाने के बजाए सांकेतिक रुख अपनाने का आरोप लगाया है।

शबाना ने मुस्लिम नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा उन्हें इस बात की कतई परवाह नहीं है कि इस्लाम क्या है और इसके बारे में गलत धारणाओं को कैसे दूर किया जाए। उन्होंने कहा मुसलमानों को अपने धर्म और समुदाय की छवि में बदलाव करना चाहिए।

करण थापर के शो 'डेविल्स एडवोकेट' में यह पूछे जाने पर कि क्या कोई राजनेता व्यवस्था या राजनीतिक दल है, जिन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए? शबाना ने कहा मैं सोचती हूँ तथ्यात्मक रूप से पर्याप्त समझ नहीं है कि किस तरह लोकतंत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा उनकी सफलता का एक अहम हिस्सा है।

शबाना ने कहा आप केवल सांकेतिक रुख नहीं अपना सकते, जैसा कि राजिन्दर सच्चर समिति की रिपोर्ट में दिखाया गया है। ऐसा करने से वास्तविक मसलों को कभी नहीं उठाया जा सकेगा।

मुसलमान पक्षपात के शिकार हैं? उन्होंने कहा वे मुंबई में सिर्फ इसलिए एक फ्लैट नहीं खरीद सकतीं, क्योंकि मैं एक मुस्लिम हूँ। उन्होंने कहीं पढ़ा ऐसा ही वाकया फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के साथ हुआ।

पाँच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकीं शबाना ने जोर देकर कहा कि मुस्लिमों को उनके अपने नेताओं की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा जवाहरलाल नेहरू मुसलमानों के नेता थे और ऐसा ही होना चाहिए।

शबाना ने राजनेताओं पर दोषारोपण किया कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय की एक खास छवि को बढ़ावा दिया और उदारवादियों को अवसर नहीं दिया। उदार मुस्लिमों की आवाज भी सुनी जानी चाहिए।

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