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परिवार को बदनाम करने की साजिश-बूटासिंह

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मुंबई (वेबदुनिया न्यूज/भाषा) , शुक्रवार, 31 जुलाई 2009 (14:10 IST)
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बूटासिंह ने शुक्रवार को इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके बेटे को रिश्वतखोरी का आरोप लगाकर उनके परिवार को बदनाम किया जा रहा है।

इससपहलवरिष्ठ भाजपा के नेता गोपीनाथ मुंडे ने केंद्र से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बूटासिंह को उनके पद से बर्खास्त करने की माँग करते हुए आरोप लगाया कि सिंह ‘खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार’ में लिप्त हैं।

मुंडे ने कहा कि बूटासिंह ने पाटिल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किया और मामले को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत स्वीकार की। यह खुलेआम भ्रष्टाचार का मामला है और हम माँग करते हैं कि बूटासिंह को उनके पद से हटाया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार रात सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बूटासिंह के बेटे सरोबजीतसिंह उर्फ स्वीटी को एक ठेकेदार से एक करोड़ रुपए की कथित रिश्वत माँगने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

सीबीआई के संयुक्त निदेशक आर सिंह ने बताया कि सरोबजीतसिंह को तीन अन्य सहयोगियों के साथ नासिक के एक ठेकेदार रामाराव पाटिल से कथित रिश्वत माँगने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

हालाँकि स्वीटी ने कहा कि मैं निर्दोष हूँ और मुझे इस मामले में फँसाया गया है। सारे आरोप झूठे हैं। स्वीटी और उसके तीन अन्य सहयोगियों को शुक्रवार को दक्षिण मुंबई स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। पूछताछ के दौरान सीबीआई ने स्वीटी को उन कथित टेलीफोन कॉल्स के बारे में बताया जो उसने पाटिल को किए थे।

पाटिल फिलहाल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत एक मामले का सामना कर रहे हैं और इसकी जाँच आयोग कर रहा है जिसके अध्यक्ष बूटासिंह हैं।

पाटिल ने एक सहकारी समिति से दलित समुदाय के सौ लोगों के नाम पर कथित रूप से लगभग दस करोड़ रुपए का लोन लिया था। उसने इस राशि को कथित रूप से हड़प लिया, जिसके बाद उसके खिलाफ आयोग में मामला दर्ज किया गया।

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