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पुरुषों में भी बढ़ा स्तन कैंसर का खतरा

हमें फॉलो करें पुरुषों में भी बढ़ा स्तन कैंसर का खतरा
नई दिल्ली , मंगलवार, 30 मार्च 2010 (14:57 IST)
महिलाओं के लिए हमेशा से भय का सबब रहा स्तन कैंसर अब पुरुषों के लिए भी चिंता का कारण बन रहा है। चिकित्सकों का दावा है कि अब पुरुष भी इस बीमारी का आसान शिकार बन रहे हैं।

देश के कई अग्रणी चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। चिकित्सक इसके लिए बदलती जीवन शैली को एक प्रमुख कारण मान रहे हैं।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट (सर्जिकल अंकोलॉजी) डॉ. समीर कौल के मुताबिक पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले कुल स्तन कैंसर के मामलों में दो फीसदी तक बढ़े हैं। पुरुषों में स्तन कैंसर का खतरा एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण बढ़ता है।

आईआरसीएच-एम्स में रेडिएशन विभाग के प्रमुख डॉ. पीके झुल्का ने कहा पुरुषों में अतिरिक्त एक्स क्रोमोसोम की मौजूदगी क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम कहलाती है। कई बार यह पुरुषों में स्तन कैंसर का कारण होता है, लेकिन पुरुषों में यह बीमारी आनुवांशिक असामन्यता के कारण भी हो सकती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में 1990-96 के आँकड़ों संबंधी एक रिपोर्ट ‘कंसोलिडेटेड रिपोर्ट ऑफ पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज’ पेश की है, जिसमें पुरुषों में कुल स्तन कैंसर के लगभग 2.77 फीसदी मामले पाए जाने की जानकारी दी गई है।

डॉ. कौल ने बताया पुरुषों में स्तन कैंसर महिलाओं की तुलना में तेजी से फैलता है। विशेषज्ञों का दावा है कि अगर शुरुआती चरण में पता लग जाए तो पुरुषों में स्तन कैंसर 95 फीसदी तक ठीक हो सकता है।

अपोलो अस्पताल के फोरम फॉर ब्रेस्ट कैंसर प्रोटेक्शन के अध्यक्ष और सर्जिकल अंकोलॉजिस्ट डॉ. रमेश सरीन ने बताया कि पुरुषों में स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए त्रिस्तरीय प्रक्रिया अपनाई जाती है।

उन्होंने बताया मैमोग्राफी, क्लिनिकल परीक्षण और स्तनों के स्वपरीक्षण से बीमारी का पता लगाया जा सकता है, लेकिन भारत में अब भी ऐसे अत्याधुनिक परीक्षण की कमी है, जो बीमारी को शुरुआती दौर में पकड़ ले, जब इसका 100 फीसदी उपचार संभव है।

विशेषज्ञों का दावा है कि सामाजिक मान्यताओं के कारण भी पुरुष खुले तौर पर इस बीमारी के संबंध में सामने नहीं आते।

कई संगठन इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित करते हैं। संगठन फोरम फॉर ब्रेस्ट कैंसर प्रोटेक्शन एक अप्रैल को दिल्ली से जयपुर तक इसके लिए एक रैली का आयोजन करने वाला है। (भाषा)

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