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पुस्तक पढ़ना चाहता है आतंकी ‍कसाब

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मुंबई (भाषा) , गुरुवार, 9 जुलाई 2009 (10:36 IST)
पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब ने मुंबई पर पिछले साल 26 नवंबर को हुए हमलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से बुधवार को आग्रह किया कि उसे पढ़ने के लिए कुछ किताबें मुहैया कराई जाएँ क्योंकि वह जेल के जीवन से बोर हो गया है।

कसाब ने न्यायाधीश ताहिलियानी से कहा कि मैं बोर हो गया हूँ और पढ़ने के लिए मुझे किताबें चाहिए। अत्यंत सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में फिलहाल मौजूद कसाब ने कहा कि या तो अदालत उसे किताबें पढ़ने के लिए मुहैया कराए या पिछले साल गिरफ्तारी के समय पुलिस द्वारा उसके पास से जब्त राशि से उसे किताबें खरीदने की अनुमति दे।

कसाब ने इससे पहले न्यायाधीश से कहा कि वह अपने वकील अब्बास काजमी से बात करना चाहता है। अदालत ने उसे इसकी इजाजत दे दी। बाद में जब न्यायाधीश से पूछा तो काजमी ने कहा कि कसाब पढ़ने के लिए पुस्तकें चाहता है। वह काल कोठरी में बोरियत महसूस कर रहा है।

इसके बाद कसाब ने खड़े होकर न्यायाधीश से कहा कि सर, कृपया मुझे किताबें दीजिए या मेरे धन से इन्हें खरीदने की इजाजत दीजिए। अदालत ने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि पुलिस द्वारा जब्त किया गया उसका धन अब अदालत की संपत्ति है और मुकदमा फिलहाल चल रहा है।

पुलिस ने गिरफ्तारी के समय कसाब के कब्जे से 4,580 रुपए बरामद किए थे। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कसाब से पूछा कि अब किताबें पढ़ने का क्या फायदा है? कसाब के वकील काजमी ने बाद में अदालत को बताया कि वे कसाब को उर्दू किताबें पढ़ने को देंगे जैसा कि वे पहले कर चुके हैं।

इससे पहले अदालत ने जेल में उर्दू अखबार पढ़ने की कसाब की माँग को नामंजूर कर दिया था। काजमी ने तब कसाब को जेल अधीक्षक के माध्यम से उर्दू की चार किताबें दी थीं।

अदालत ने इस मामले के सह-आरोपी फहीम अंसारी को दोपहर के भोजन के समय अपनी पत्नी से हर दिन दो से तीन मिनट और गुरुवार को दस मिनट के लिए मुलाकात की इजाजत दे दी है।

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