Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का निधन

भारत में सात दिन का राजकीय शोक

हमें फॉलो करें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का निधन
नई दिल्ली (वार्ता) , सोमवार, 9 जुलाई 2007 (10:59 IST)
कैंसर से लंबे समय से जूझ रहे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का रविवार को अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। े 80 वर्ष के थे। अंतिम संस्कार सोमवार को शाम चार बजे किया जाएगा।

एक समय 'युवा तुर्क' के रूप में मशहूर हुए चंद्रशेखर कई वर्षों से हड्डियों के कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें इलाज के लिए अमेरिका भी ले जाया गया। उन्होंने आज सुबह पौने नौ बजे अंतिम साँस ली।

चंद्रशेखर के परिवार में दो पुत्र पंकजसिंह और नीरज शेखर हैं। उनकी पत्नी दूजा देवी का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि निधन के समय उनके दो भाई, दोनों पुत्र, मित्र, सहयोगी तथा शुभचिंतक उनके साथ थे।

चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर अपोलो अस्पताल से करीब 12 बजे उनके 3, साउथ एवेन्यू लेन स्थित निवास लाया गया, जहाँ प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, संप्रग प्रमुख सोनिया गाँधी और अनेक गणमान्य लोगों ने शव पर माल्यार्पण कर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रतापसिंह और अटलबिहारी वाजपेयी, विदेशमंत्री प्रणब मुखर्जी, गृहमंत्री शिवराज पाटिल, लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, संसदीय कार्य मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी, रेलमंत्री लालूप्रसाद यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, मकपा महासचिव प्रकाश करात और पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी, जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने भी चंद्रशेखर के निवास पर पहुँचकर पुष्पांजलि अर्पित की।

उनके निवास पर जाकर श्रद्धांजलि देने वालों में दिल्ली में रहने वाले बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।

सात दिन का राजकीय शोक : पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के निधन पर देशभर में सात दिन का राजकीय शोक रहेगा। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।

बैठक में यह भी तय किया गया कि चंद्रशेखर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा, चंद्रशेखर की अंत्येष्टि सोमवार शाम चार बजे पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा और केआर नारायणन की समाधि के निकट की जाएगी।

केन्द्र सरकार के सभी कार्यालय कल दोपहर एक बजे बंद कर दिए जाएँगे, ताकि लोग पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के मौके पर मौजूद रह सकें।

देश ने राष्ट्र निर्माता खो दिया-कलाम
चंद्रशेखर आदर्शों की कीमत समझते थे-मनमोहन
राजनीति का संघर्षशील युग खत्म-अटल
राजनीति के 'युवा तुर्क'
अयोध्या विवाद को लेकर चिंतित थे चंद्रशेखर
चंद्रशेखर की अंतिम राजनीतिक चिट्‍ठी

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi