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भारत से परमाणु करार अमेरिका की प्राथमिकता

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नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2009 (00:17 IST)
भारत में नए अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे रोमर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच भरोसे को मजबूत करने वाले असैन्य परमाणु करार को निकट भविष्य में पूरा करना अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

अमेरिकी राजदूत ने सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि हमें तीन या चार मुद्दे पूरे करने हैं। भारत और अमेरिका में नौकरी के अवसर प्रदान करने वाले परमाणु करार को उम्मीद के अनुरूप आगामी कुछ महीनों में पूरा करना अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

रोमर ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ संबंधों को अपनी प्राथमिकता में रखा है क्योंकि अधिक सहयोग देना और व्यापार में अधिक संलग्न होना अमेरिका के सामरिक हित को पूरा करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका परमाणु करार से द्विपक्षीय संबंधों में एक नया भरोसा आया है।

करार को पूरा करने के जिन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है उनमें से एक है भारत में इस्तेमाल किए गए ईंधन के लिए खासतौर पर पुनप्रसंस्करण सुविधा गठित करना शामिल है।

दोनों देशों ने इस ऐतिहासिक करार पर अक्टूबर 2008 में हस्ताक्षर किए थे, जिससे वैश्विक परमाणु व्यापार में भारत का वनवास समाप्त हो गया।

छह बार सांसद रह चुके रोमर ने कहा कि हालाँकि पिछले पाँच साल में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार दुगना हुआ है, लेकिन हम और बेहतर कर सकते हैं।

नए अमेरिकी राजदूत ने कहा कि द्विपक्षीय निवेश संरक्षण नीति पर उम्मीद है कि शीघ्र ही हस्ताक्षर किए जाएँगे। दोनों पक्ष संधि के तहत भारतीयों के लिए किए गए निवेश के बारे में अमेरिका द्वारा चाहे गए संरक्षण के स्तर को लेकर मतभेद को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

भारत जहाँ निजी निवेश को लेकर बाद की स्थिति में संरक्षण देने को इच्छुक है जबकि अमेरिका पूर्व स्थिति में ही लाभ चाहता है।

रोमर ने कहा कि हालाँकि समझौते को करने में कुछ अड़चने हैं लेकिन आधारभूत एवं ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में यह दोनों देशों के निवेशकों के लिए भारी अवसर उपलब्ध कराएगा।

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